मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 2

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ५१/ बिखरे पुष्पबंसत सुगंधितभ्रमर गीत। ५२/ कबूलफूल हो चाहे धुलप्यार है मूल। ५३/ प्यार जीवनमिट्टी की दुनिया मेंबाकी कफन। ५४/ पत्थर दिलपिघलता प्यार सेनहीं मुश्किल।  ५५/ मुड़ा भास्करउत्तरायण गति हुई संक्रांति। ५६/ उत्तरायणीहो चला दिनकरराशि मकर।   ५७/ किया तर्पणभगीरथ गंगा सेसंक्रांति दिन। ५८/ संक्रांति तिथिशरीर परित्यागमहान  भीष्म। ५९/ बाल संवारे~कांधे लटका थैलास्कूल को … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग १

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १/बसंत नाचेगाये गीत फाग केप्रेम राग के। २/बासंती चिट्ठीसंवदिया बन केआया बयार। ३/  बासंती  हवा   रंग  बिखर गया। निखर गया। ४/फलक तले खिले सरसों फुलबसंत पले। ५/पी का दीदारनशा ज्यों हो शराबदिल गुलाब । ६/ नदिया तीरखड़ा है जो गंभीरशिव मंदिर। ७/ मस्जिद परअल्लाहु अकबररब का घर । ८/ हर जगहवाहेगुरू फतहजै … Read more

तांका विधा के बारे में जानकारी

हाइकु

तांका विधा के बारे में जानकारी तांका जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली। उस समय इसके विषय धार्मिक या दरबारी हुआ करते थे। हाइकु का उद्भव इसी से हुआ। तांका की वर्ण योजना इसकी संरचना ५+७+५+७+७=३१ वर्णों की … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10

हाइकु

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10 1मानवाधिकारजब जग ने जानाराष्ट्र संयुक्त। 2वैश्विक तापसंकट में है राष्ट्रसुधरो आप। 3विश्व की शांतिपृथ्वी की सुरक्षाआतंक मिटा। 4अस्त्र की होड़विकास या विनाशअंधे की दौड़। 5भारत आयारंग भेद खिलाफसंसार जागा। 6चुनौती देतापर्यावरण रक्षाहे राष्ट्र!जुड़ो। 7 “मैं” और “तुम”खींच गई लकीरचलो “हम” हों।8 अस्त्र होती हैहिंसा की प्रतिमूर्तिलेती हैं शांति। 9 … Read more

मनीभाई नवरत्न के सेदोका

manibhai Navratna

मनीभाई नवरत्न के सेदोका सेदोका – पंछी की दिशा पंछी की दिशाबता रही है सदाहोने को महानिशा। लौट आओ रेघर से जाने वालोंमंजिल बुला रही।  🖊मनीभाई नवरत्न समुद्री हवा समुद्री हवाएक होके बूंदों सेबारिश की तीरों सेबरस रहीमदमस्त गिरि कोधीरे से घिस रही।  🖊मनीभाई नवरत्न जूते बिखरे हुएकई अकेले जूतेहमसफ़र ढूँढे।पुछता नहींकोई हाल उनकीसाथी न हो … Read more