मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 2
हाइकु अर्द्धशतक ५१/ बिखरे पुष्पबंसत सुगंधितभ्रमर गीत। ५२/ कबूलफूल हो चाहे धुलप्यार है मूल। ५३/ प्यार जीवनमिट्टी की दुनिया मेंबाकी कफन। ५४/ पत्थर दिलपिघलता प्यार सेनहीं मुश्किल। ५५/ मुड़ा भास्करउत्तरायण गति हुई संक्रांति। ५६/ उत्तरायणीहो चला दिनकरराशि मकर। ५७/ किया तर्पणभगीरथ गंगा सेसंक्रांति दिन। ५८/ संक्रांति तिथिशरीर परित्यागमहान भीष्म। ५९/ बाल संवारे~कांधे लटका थैलास्कूल को … Read more