Category हिंदी कविता

दादाजी पर कविता (एक अद्भुत मित्र)

दादाजी पर कविता आज सुनाता हूँ मैं मेरे जीवन का वो प्रसंगजो है मेरे जीवन का एक अद्भुत अमिट अंग॥हुई कृपा उस ईश्वर की जो मुझे यहाँ पर भेजा हैसौंप दिया उस शख्श को मुझे जिसका मृदुल कलेजा है॥ईश्वर दे…

कैसे जाल बिछाया है कोरोना

कैसे जाल बिछाया है कोरोना कैसे जाल बिछाया है ?तूने रे कोरोना!हाहाकार मचा दिया है,हो रही है रोना !!कोरोना बोला सुन रे मानव,छोड़ दिया तूने अपनी संस्कृति,संस्कार भी भुला दिया !हाय हलो कर हाथ मिलाकर,रोगो को फैला दिया !!खान पान…

डॉग लवर पर पत्रकारिता

डॉग लवर पर पत्रकारिता ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के कुत्ते पाल रखे थे। उन्हें कुत्तों…

ख़यालों पर कविता

ख़यालों पर कविता तुम मेरे ख़यालों में होते होमैं ख़ुशनसीब होता हूँबात चलती है तुम्हारी जहाँमैं ज़िक्र में होता हूँ . पलकें बंद होती नहीं रातों कोयादों को तुम्हारी आदत हैरातों की सियाही कटती नहींमैं फ़िक़्र में होता हूँ. क़तरा…

सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता

सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता मुझे कुछ ना सुझेभला एक बूंद मेंसौ प्यास कैसे बुझे ?तू मेरी ना सोच ,जा किसी चोंचअमृत बन .मेरी यही नियति हैकि तड़प मरूँअति महत्वाकांक्षा में.अब जान पाया हूंकि उचित हैसफर करना शून्य से…

ख्वाहिश पर कविता

ख्वाहिश पर कविता मिट्टी से बना हूं मैं , मिट्टी में मिल जाऊंगा।जब तक हूँ अस्तित्व में ,रौशनी कर जाऊंगा।। तम छाया है हर तरफ,सात्विकता बढ़ाऊंगा।विवेक को जगा कर मैं,रोशनी कर जाऊंगा।। विनय रूपी भरूँ तेल ,धैर्य की बाती बनाऊंगा।सतत…

सत्य पर कविता

सत्य पर कविता मैं कल भी अकेला थाआज भी अकेला हूंऔर संघर्ष पथ परहमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म का नहींमैं किसी दल का नहींसम्मुख आने से मेरेभयभीत होते सभी जानते हैं सब मुझकोपरंतु स्वीकार करना चाहते नहींमैं तो…

दंगों से पहले पर कविता

दंगों से पहले पर कविता दंगों से पहले शांत महौल थाइस शहर कादंगों से पहले नाम निशाननहीँ था वैर कादंगों से पहले अंकुरित नहीँ थाबीज जहर कादंगों से पहले सौहार्द-सदभाव काहर पहर थादंगों से पहले न साम्प्रदायिकताका कहर थादंगों से…

जाति धर्म पर कविता

जाति धर्म पर कविता इंसान-इंसान के बीचकितनी हैं दूरियांइंसान-इंसान कोनहीं मानता इंसानमानता हैकिसी न किसीजाति काधर्म काप्रतिनिधिइंसान की पहचानइंसानियत न होकरबन गई पहचानजाति व धर्म हो गई परिस्थितियांबड़ी विकटविवाह-शादीकार-व्यवहारक्रय-विक्रयसब कुछ मेंदी जाती है वरीयताअपनी जाति कोअपने धर्म कोजाति-धर्म हीसबसे बड़ी…

शिक्षा पर कविता

शिक्षा पर कविता शिक्षा का अधिकार सभी कोसभी शिक्षित कीजिये।कहते है महादान इसकोदान सबको दीजिए।।1।। शिक्षा का ये क्षेत्र असीमितअनुसंधान कीजिये।अधुनातन नवतकनीकों सेजनकल्याण कीजिये।।2।। शिक्षा से कोई भी वंचितरहे ना संसार मे।शिक्षा की सब अलख जगाएंहर एक परिवार में।।3।।???शिक्षा जीवन…