छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ये नारा बड़ अच्छा लगथे!ये नारा बनइया के मन भरमोर पैलगी करे के मन करथे !! जब छत्तीसगढ़िया मन..गुजराती लॉज/राजस्थानी लॉज म रुकथेहरियाणा जलेबी,बंगाली चाय के बड़ाई करथे बड़ अच्छा लगथे .!! जब छत्तीसगढ़िया मन.अपन घर म कोनों काम-कारज ल धरथेतब बीकानेर/जलाराम ले मन भर खरीदी करथेबड़ अच्छा लगथे!! जब … Read more

दारू विषय पर कविता

दारू विषय पर कविता दारू पिये ल झन जाबे समारूदारू पिये ल झन जाबे,,,,गली-गली जूता खाबे समारू दारू पिये ल झन जाबे ,,,,! नाली म परे,माछी ह झूमेमुँहू तैं फारे,कुकुर ह चूमेअब सुसु बर होगे *उतारू* समारूदारू पिये ल झन जाबे……! पिये ल बइठे,सङ्गी ह लूटेझगरा मताये,धर-धर कूटेबस मंदू ह देवय *हुँकारू* समारूदारू पिये ल … Read more

हसदेव नदी बचाओ अभियान पर कविता- तोषण कुमार चुरेन्द्र “दिनकर “

hasdeo river

हसदेव नदी बचाओ अभियान पर कविता रुख राई अउ जंगल झाड़ीबचालव छत्तीसगढ़ के थाती लकोनों बइरी झन चीर सकयहसदेव के छाती ल किसम किसम दवा बूटीइही जंगल ले मिलत हेचिरइ चिरगुन जग जीव केसुग्घर बगिया खिलत हेझन टोरव पुरखा ले जुड़ेहमर डोर परपाटी लकोनों बइरी झन चीर सकयहसदेव के छाती ल चंद रुपिया खातिरकोख ल … Read more

महानदी पर कविता – केवरा यदु

मोर महानदी के पानी मा – केवरा यदु चाँदी कस चमके चम चम जिंहा चंदा नाचे छम छम ।सोंढू पैरी के संगम भोले के ड़मरु  ड़म ड़म ।मोर महानदी के पानी  मा। महानदी के बीच में बइठे शिव भोला भगवान ।सरग ले देवता धामी आके करथें प्रभू गुणगान ।माता सीता बनाइस शिव भोले ला मनाइस … Read more

छत्तीसगढ़ी गीत – तेरस कैवर्त्य

छत्तीसगढ़ी गीत – झिन रोबे दाई मोर झिन रोबे दाई मोर झिन रोबे बाई मोर।रात दिन गुनत तंय ह झिन रोबे न ss अकेला ही जाहूँ , कोनो नइ जावय संग म। झुलत रही मुहरन , तोर नजरे नजर म।भुइंया म आके , झिन जीयव घमंड म।काँटा खूँटी झिन गड़व , जिन्गी डहर म।राख हो … Read more