*मनहरण घनाक्षरी छंद विधान*
८,८,८,७ वर्ण
कुल ३१वर्ण,१६,१५,पर यति
पदांत गुरु अनिवार्य
चार पद सम तुकांत हो
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. *होली*
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रूप रंग वेष भूषा, भिन्न राज्य और भाषा,
देश हित वीर वर, बोल भिन्न बोलियाँ।
८,८,८,७ वर्ण
कुल ३१वर्ण,१६,१५,पर यति
पदांत गुरु अनिवार्य
चार पद सम तुकांत हो
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. *होली*
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रूप रंग वेष भूषा, भिन्न राज्य और भाषा,
देश हित वीर वर, बोल भिन्न बोलियाँ।
सीमा पर रंग सजे, युद्ध जैसे शंख बजे,
ढूँढ ढूँढ दुष्ट मारे, सैनिको की टोलियाँ।
ढूँढ ढूँढ दुष्ट मारे, सैनिको की टोलियाँ।
भारतीय जन वीर, धारते है खूब धीर,
मारते है शत्रुओं को ,झेलते हैं गोलियाँ।
मारते है शत्रुओं को ,झेलते हैं गोलियाँ।
फाग गीत मय चंग ,खेलते हैं सब रंग,
देश हित खेलते हैं, खून से भी होलियाँ।
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होलिका दहन कर, मन में उमंग भर,
सब संग प्रीत रीत, भावना निभाइए।
देश हित खेलते हैं, खून से भी होलियाँ।
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होलिका दहन कर, मन में उमंग भर,
सब संग प्रीत रीत, भावना निभाइए।
देशभक्ति छंद गीत,रचि मन कवि मीत,
जनहित साधना में, प्रेम राग गाइए।
जनहित साधना में, प्रेम राग गाइए।
मान रख संविधान, देश मेरा हो महान,
जाति पाँति दूर कर, पंथ भूल जाइए।
जाति पाँति दूर कर, पंथ भूल जाइए।
होली पर नवरीत, सुनो सब धीर मीत,
भारती की लाज हित,सीमा पर आइए।
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दीन हित ईमान हो,सच्चे सब इंसान हो,
देश हित संसद में, सत्य के विधान हो।
भारती की लाज हित,सीमा पर आइए।
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दीन हित ईमान हो,सच्चे सब इंसान हो,
देश हित संसद में, सत्य के विधान हो।
जय किसान बोल के,जय जवान नाद के,
जय विज्ञान ध्येय से, भारती की शान हो।
जय विज्ञान ध्येय से, भारती की शान हो।
राष्ट्र गान जन मन, संविधान सब जन,
देश का तिरंगा ध्वज,सबका गुमान हो।
देश का तिरंगा ध्वज,सबका गुमान हो।
होली तभी भली लगे, जन मन सुखी लगे,
वंचितों का मान रख,कर्तव्यों का भान हो।
वंचितों का मान रख,कर्तव्यों का भान हो।
✍©
बाबू लाल शर्मा, बौहरा
सिकंदरा, दौसा,राजस्थान
बाबू लाल शर्मा, बौहरा
सिकंदरा, दौसा,राजस्थान
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