डमरू घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’
घनाक्षरी छंद विधान: डमरू घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’
डमरू घनाक्षरी विधान
- ३२ वर्ण(८८८८) प्रतिचरण
- १६,१६,वर्ण पर यति
- चार चरण समतुकांत
- समस्त वर्ण मात्रा विहीन हो
डमरू घनाक्षरी विधान का उदाहरण
हँसत नट
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चल पथ पनघट
खटकत जल घट,
धर पद नटखट
भग पटकत घट।
भय भगदड़ तब
घर पथ लग जब,
कहत रहत अब
अभय हँसत नट।
वन पथ तक कर
छछ घट क्षत कर,
झट पट चट कर
तब भग सरपट।
सर तट तरु चढ
लखत लपक बढ़,
वसन रखत दृढ़
इत उत नटखट।
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©~~~~~~~~बाबूलालशर्मा *विज्ञ*