हिन्दी है हमारी स्वाभिमान की भाषा

हिन्दी है हमारी स्वाभिमान की भाषा,,
आओ करें इसकी अगवानी ।
आज बता दें हम दुनिया को,,
हिन्दुस्तान है हिन्दी की राजधानी ।
हे हिन्दी तुम प्रेम की भाषा,,
सदा करें तेरी दरवानी ।।

हिन्दी है हमारी मातृभाषा,,
इसी में है मेरी अमिट निशानी ।
विश्व पटल पर हिन्दी भाषा को,,
है हमको पहचान दिलानी ।
हे हिन्दी आत्मा की भाषा ,,
सदा करें तेरी दरवानी ।।

हिन्दी है संतों की भाषा ,,
संत की भाषा है गुरुवाणी ।
हिन्दी  हमारी भाषाओं की संगम,,
पहचान हमारी युगों पुरानी।
है हिन्दी सदग्रंथ की भाषा ,,
सदा करें तेरी दरवानी ।।

हिन्दी है मौलिक सोच की भाषा,,
सुनो समझ लो विश्व के प्राणी।
बड़े बड़े महामानव ने भी इसपर,
अपनी-अपनी राय बखानी ।
ब्रह्म देव की इस अमिट सृष्टि में,,
हिन्दी की इतिहास पुरानी ।
हे हिन्दी हम सब की गौरव,,
सदा करें तेरी दरवानी ।।

बाँके बिहारी बरबीगहीया, बिहार

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