Join Our Community

Send Your Poems

Whatsapp Business 9340373299

राष्ट्र भाषा हिन्दी पर कविता -बाबूराम सिंह

0 34

हिन्दी दिवसकीअग्रिम शुभकामनाएं  व हार्दिक बधाई
                        
                    राष्ट्र भाषा हिन्दी
                 ————————- 
          
भारत  की  भाषा  हिन्दी ,सबसे सुन्दर जान।
यही दिलासकती हमें,यश गुण मान सम्मान।।
सभ्यता संस्कृति सुखद,सुधर्म शुचि परिवेश।
हिन्दी  से  हीं  पा सकता ,प्यारा भारत देश।।

अनुपम भाषा देश  की,अतिशय प्यार दुलार।
मातृ  भाषा  हिन्दी  बनें ,हिन्द  गले  का हार।।
सरल शुभ  है सदा सरस,हिन्दी मय व्यवहार।
सभी  के  उर  हिन्दी  बसै ,फैले  सदा  बहार।।

रचा बसा  है  हिन्दी  में,आपस  का सदभाव।
हो सकता  इससे  सुखी ,शहर  देश हर गांव।।
देश  भाषा  हिन्दी  बनें , सबका  हो  उत्थान।
हिन्दी हीं  है रख सकती,भारत की पहचान।।

आओ  हम सब मिल करे,हिन्दी सतत प्रचार।
सुचि  सेवा  सदभाव  का ,छुपा इसी में सार।।
अनुपम भाषा देश  की,अतिशय प्यार दुलार।
मातृ  भाषा  हिन्दी  बने, हिन्द  गले  का हार।।

हिन्दी  हक  पाये अपना ,बने सभी का काम।
हिन्दी  से  उज्वल  होगा, विश्व गुरू का नाम।।
एकजुट होय  सब  कोई ,करो इधर भी कान।
हिन्दी  बिन  गूंगा- बहरा ,अपना  देश महान।।

हिन्दी  हित  सबका  करती,दे सुयश आलोक।
आत्म  सात  करो  हिन्दी, बने  लोक परलोक।।
पढो़  लिखो  बोलो  हिन्दी ,करो  हिन्दी प्रसार।
गुणगान  चहुंदिश  इसका , गावत  है  संसार।।

देश  भाषा  हिन्दी  बने ,सबका  होय  उत्थान।
रख सकती  है  हिन्दी  ही, भारत की पहचान।।
समाहित  कर कौम सभी,निज में अपने आप।
शुभता समता का सुखद,हिन्दी छोडे सुछाप।।

समाहित कर कौम सभी,निज में अपने  आप।
शुभता समता का सुखद,हिन्दी छोड़े सु-छाप।।
हिन्दी  का  हर रूप  भव्य ,यह भारत की हीर।
पाये  यश बच्चन  दिनकर ,तुलसी सूर कबीर।।

“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर
गोपालगंज(बिहार)841508
मो॰नं॰ – 9572105032
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””

Leave A Reply

Your email address will not be published.