शाकाहार सर्वोत्तम आहार–दोहा
भोजन शाकाहार को, खाते हैं जो लोग।
जीते लंबी उम्र तक, पाते बदन निरोग ।।
शाकाहारी जो बने, रहे सदा संतोष।
स्वच्छ रहे तन मन सदा, शीघ्र न आये रोष।।
शाकाहारी अन्न के , मिलते लाभ अनेक ।
जीवन होता सादगी, हो विस्तार विवेक।।
सादा भोजन उच्च है, कहते संत सुजान।
महापाप है जीव वध ,लेना तुम संज्ञान।।
भोजन शाकाहार में ,लगे न कोई पाप।
वध मत करना जीव का, देते हैं वे श्राप ।।
लाखों रुपये की दवा,होती शाकाहार।
लागू करें समाज में, सुखी रहे परिवार।।
शाकाहारी बन सदा, मानों गीता बात।
पशु पक्षी से प्रेम कर, न हो जीव आघात ।।
गीता सागर
इन्दरपुर, बसना महासमुन्द छ. ग.
Category: हिंदी कविता
सभी से कहते वीरा/अलका जैन आनंदी
शाकाहार
वीरा कहते है सदा,चले अहिंसा राह।
राग-द्बेष को छोड़ दो,सज्जन की यह चाह।।
सज्जन की यह चाह,
सत्य की राह बताते।
अज्ञानी कर पाप,
पाप फिर उन्हें सताते।।
अलका शाकाहार,
छोंक सब्जी में जीरा।
मानवता है धर्म,सभी से कहते वीरा।।
हिंसा करना मत कभी,कहते वीर महान।
दया-धर्म की राह पे,चलते संत सुजान।
चलते संत सुजान,
बात ये सब अपनाओ।
एक बड़ा उपहार,
साग-फल ताज़ा खाओ।।
अलका की मनुहार,मनुज का धर्म अहिंसा।
काम-क्रोध को त्याग,जीव की करे न हिंसा।।
अलका जैन आनंदी
ओशिवारा मुंबई दूरभाषशाकाहार सर्वोत्तम आहार / अनिता आचार्य
विषय :- शाकाहार सर्वोत्तम आहार
मानव जीवन है अनमोल
इसको ना तुम करो बेकार
एक पुरानी कहावत है
सादा जीवन उच्च विचार
शाकाहार सर्वोत्तम आहार
इसपर सब मिलकर करो विचार
तन मन में जो ताजगी भरे
रोम रोम में जो स्फूर्ति भरे
खाओ खूब फलाहार
खाओ तुम ऐसा आहार
झाँक के देखो अपने अंदर तुम
किसी की हत्या करना क्या शोभा देता है
किसने हक दिया है हमको
जब किसी को जीवनदान हम दे नहीं सकते
तो कोई हक नहीं बनता है
किसी के जीवन को अंत करने का
मानव धर्म नहीं कहता है
किसी की जान लेने को
स्वच्छ मन और स्वस्थ तन
बनाना है
शाकाहार सर्वोत्तम आहार को
अपनाना है
मत करो किसी के जीवन से तुम खिलवाड़
खोल लो बंद दिमाग का किवाड़
ये बात सौ प्रतिशत सच है
शाकाहार ही सर्वोच्च आहार
शांत मन और उचित मन से
तुम एक बार कर लो विचार
मानव जीवन बहुत मुश्किल से है मिलता
किसी के संग न करो दुर्व्यवहार
गाय घोड़ा हाथी हिरण
जानवर होकर भी शाकाहारी है
इंसानो को इश्वर ने शाकाहारी बनाया है
हमे ये याद रखना चाहिए
शेर बिल्ली जैसे ना
हमारी बनावट है
ना हमारे पंजे है
ना नुकीले दांत है
ना वैसी पाचन शक्ति हैं
ना ही वैसी आंत है
जानवर अपना धर्म निभाते
फिर हम मनुष्य क्यूँ है भूल जाते
चलो मिटाए भ्रांतियों को
तन-मन को स्वच्छ बनाते है
छोड़कर मांस मछली को खाना
शाकाहारी को अपनाते है
दाल सोयाबीन पनीर में
प्रोटीन की प्रचूर मात्रा है
सब्जियों को तुम जी भर खाओ
इसमे ताकत भरमार है
एक बात को गांठ बाँध लो
शाकाहार ही सर्वोत्तम आहार है
अनिता आचार्य
महाराष्ट्रशाकाहार है सर्वोत्तम आहार/चंद्रकला भरतिया
शाकाहार है सर्वोत्तम आहार।
जैसा खाते अन्न, वैसा होता मन।
भरा रहता मन शुद्ध, पवित्र विचारों से।
फटक न पाते कुविचार मन में ।।
दूध सर्वश्रेष्ठ आहार कहलाता।
बिन माँ के बच्चे, पाले जाते गोदुग्ध पर ही।
स्वाभाविक रूप से बाढ़़ होती बच्चों की।
बाधा कोई कभी न आती।।
नाना प्रकार के फल- सब्जियाँ,
दी प्रकृति ने हमें, भर- भर पोषक तत्व।
कच्चे रूप में खाते जो लोग,
रोग मुक्त वे सदा ही रहते।।
उर्वरक भूमि से उपजे अनाज,
जीवन रस से भरे हुए हैं।
शुद्ध जैविक रूप से उगाए जाते गर,
जीवन स्वस्थ्य हमारा बनाते।।
विस्तार शाकाहार का आज हुआ है। दस प्रतिशत विदेशी भी जीते शाकाहारी जीवन है।
कई नामचिन खिलाड़ी देश के हैं शाकाहारी।
तंदरुस्त हैं वे, खेल जगत में नाम कमाया।।
खाओ, स्थानीय उत्पाद,स्वाभाविक रूप में।
चमत्कारी परिणाम इनसे मिलता।
रोग- दोष सभी मिट जाते।
स्वस्थ्य दीर्घायु मानव पाता।।
चंद्रकला भरतिया
नागपुर महाराष्ट्र.शाकाहार सर्वोत्तम आहार है / सौदागर सिंह
शाकाहार सर्वोत्तम आहार है / सौदागर सिंह
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शाकाहार सर्वोत्तम आहार है,इसको आप अपनायें।
मांसाहार को मन-मस्तिष्क से,सर्वथा दूर भगायें।।
मानवीय दृश्टिकोण यही है,इसपर गौर फरमाएं।
अभिवृद्धि बल-विद्या की कर,सत्य का
मार्ग दिखाएं।।
सात्विक भोजन से ही मन में,सदाचार आयेगा।
धर्म के प्रति आकर्षित होंगे, सुकर्म की राह दिखाएगा।।
जैसा भोजन वेसा मन,ब्यवहार भी वैसा ही होगा।
देखा गया है वैसी करनी, को ही लोगों ने भोगा।।
आहार सभी का निर्धारित है,मनुष्य मनमानी करता है।
जिन तत्वों से शरीर बनी है,उन्ही का भोजन करता है।।
मनुष्य से बेहतर जानवर हैं,निर्धारित भोजन करते हैं।
शाकाहारी भोजन वाले, मांस न भक्षण करते हैं।।
प्रकृति उन्हें जैसे रखती है,वैसे ही वे रहते हैं।
ज्ञान शून्य भले हम कहते, नियम विरुद्ध न रहते हैं।।
इसलिए कहते सौदागर, शाकाहारी बनिए।
शुद्ध आचरण सात्विकता की,राह आप भी धरिये।।
सौदागर सिंह
उमानगर दक्षिणी, देवरिया(उ.प्र.)
मो.नं.-8299694978.