जागे वो पाये
श्री राधा अष्टमी जन्म दिवस विशेष—
आज का छंद :— सम्मोहा
पंचाक्षरावृत्ति
गण संयोजन — म ग ग ( 22222 )
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दाऊ के भैया ।डोले है नैया।।
हो जी खेवैया।थामों जी बैंया।।
गोपी ये बोली।हौले से डोली।।
राधा को लाओ। कान्हा जी आओ।।
अंजानी राहें। फैलाती बाहें।।
जानें हों कैसी। ऐसी या वैसी।।
कैसे मैं जाऊँ।कैसे बताऊँ।।
तो पै मैं वारी। कान्हा मैं हारी।।
तेरी ये यादें।तोहे लौटादें।।
गोपी ने जाना ।झूठा ये माना।।
झूठी ये काया ।झूठी है माया।।
आया है जो भी। जाएगा वो ही।।
मौनी है राधा। क्यों आये बाधा।।
जोगी ये जाने। भोगी भी माने।।
संसारी रोए। नैंना ये खोए।।
साँसें खो जाये।जागे वो पाये।।
—गीता उपाध्याय
रायगढ छत्तीसगढ़