आजाद देश की दशा पर कविता

आजाद देश की दशा पर कविता

भाई भाई में देखो कितनी लड़ाई है
हर चौराहे पर बैठा देखो कसाई है
पर्दे में आज भी रहती है बहू बेटियां
कहते हैं लोग हमारा देश आजाद है।

बेटियों के घर पर बेटा घर जमाई हैं
न जाने लोगों ने कैसी रीत बनाई है
रस्मो रिवाज में बांधकर बेटियों को
कहते है लोग हमारा देश आजाद है।

गद्दारो की जगह में होती सदा बड़ाई है
गली गली जिस्मो के खातिर लड़ाई है
हवशी दरिंदों के कब्जे में पड़ी बेटियां
कहते हैं लोग हमारा देश आजाद है।

क्रान्ति सीतापुर सरगुजा छग

You might also like