खुशहाल हो नववर्ष – महदीप जंघेल
खुशहाल हो नववर्ष – महदीप जंघेल
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भूले बिसरे ,बीते कल को,
भूले दुःख संताप के गम।
पुलकित होगा रोम-रोम,
मन हर्षित होगा अनुपम ।।
रवि स्वरूप उज्ज्वलित हो जीवन,
चाँद -सा दमकता रहे ।
धन संपदा की हो बरसात,
भाग्य का हीरा चमकता रहे।।
नव वर्ष लाए जीवन में उजाले,
खुले आपके भाग्य के ताले।
सदैव आशीर्वाद मिले उस ईश्वर का,
जो सम्पूर्ण जगत को पाले।।
जिंदगी में, न कोई गम हो,
आँखे,न कभी नम हो।
मनोकामनाएँ हो पूर्ण सभी,
कि खुशियाँ, न कभी कम हो।।
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सब जीवों से प्रेम करो और,
खुशियाँ बाँटो अपार।
बुराइयाँ दूर करो,नववर्ष में
अपनाओ सदैव सदाचार।।
माँ वसुधा का सम्मान करें,
वृक्ष लगाकर करें श्रृंगार।
जल का हम सदुपयोग करें,
करें सदैव परोपकार।।
सेवा और सत्कार करे हम,
मानवता का कार्य करे हम।
औरों को सुख पहुंचाने को,
परमार्थ का ध्यान धरे हम।।
नूतन वर्ष में ऐसा कुछ कर जाएँ,
कि,जिंदगी खुशियों से भर जाये।
सत्कर्मो की करें कमाई,
नववर्ष की आप सबको,
बहुत बहुत बधाई।।
नये वर्ष की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏
✍️रचनाकार-
महदीप जंघेल
निवास-खमतराई
तहसील-खैरागढ़
जिला -राजनांदगांव(छ.ग)
Bhut dundr rachna