Join Our Community

Send Your Poems

Whatsapp Business 9340373299

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष

0 255
papa aur beti

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष
हे पिता!
मैं तेरा बीज हूँ।
माँ की कोख में
जो अंकुरित हुया ।
जब-जब भुख लगी माँ,
तेरे धरा का रसपान किया।
गोदी में बेल की भांति
लिपटा और भरपूर जीया।

CLICK & SUPPORT

तेरे खाद-पानी से पिता
पौधा से बना पेड़।
मेरे आँखो में सदा बसा रहा
माली की छवि में एक ईश्वर।

आँधी-तूफान से आज
मैं लड़ लूँगा थपेड़े सहते।
सह ना पाऊँ तेरा तिरस्कार।
आदी हो चुका मैं,
पाने को तेरा प्यार॥

मजबूत हैं आज मेरी डालियाँ।
खिल उठेंगे तेरे लिये कलियाँ।
समेट लूँगा तुझे अपनी छाया में
क्षुधा मिटाऊँगा तेरे,
अपने कर्मफल से।
(रचयिता:- मनी भाई)

Leave A Reply

Your email address will not be published.