एक पड़ोसन पीछे लागी – उपमेंद्र सक्सेना
एक पड़ोसन पीछे लागी आज लला की महतारी कौ, अपुने मन की बात बतइहौं एक पड़ोसन पीछे लागी, बाकौ अपुने घरि लै अइहौं। बाके मारे पियन लगो मैं, नाय पियौं तौ रहो न जाबै चैन मिलैगो जबहिं हमैं तौ, सौतन जब सबहई कौ भाबै बाके एक लली है ताको, बाप हमहिं कौ आज बताबैकेतो अच्छो … Read more