तुम गुलाब मैं तेरी पंखुरी – उमा विश्वकर्मा

तुम गुलाब मैं तेरी पंखुरी – उमा विश्वकर्मा तुम गुलाब, मैं तेरी पंखुरी तुम सुगंध, मैं हूँ सौन्दर्य |तुझमें है लालित्य समाया मुझमें रचा-बसा माधुर्य | सारा जग, तुमसे सुरभित हैतुमसे ही, लावण्य उदित है तुम ही देव चरण में शोभित जन-जन का मन, रहे प्रफुल्लित तुम पर ईश्वर, की अनुकम्पा मुझमें रंग भरा प्राचुर्य … Read more

गणेश विदाई गीत – डी कुमार-अजस्र

अनन्त चतुर्दशी की बधाई एवं अनन्त शुभकामनाओं सहित यह गणेश विदाई गीत लिखी गई है

आ बैठे उस पगडण्डी पर – बाबू लाल शर्मा

आ बैठे उस पगडण्डी पर – बाबू लाल शर्मा आ बैठे उस पगडण्डी पर,जिनसे जीवन शुरू हुआ था। बचपन गुरबत खेलकूद में,उसके बाद पढ़े जमकर थे।रोजगार पाकर हम मन में,तब फूले ,यौवन मधुकर थे।भार गृहस्थी ढोने लगते,जब से संगिनी साथ हुआ था।आ बैठे उस पगडण्डी परजिनसे जीवन शुरू हुआ था। रिश्तों की तरुणाई हारी,वेतन से … Read more

सृजन-गीत – हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश

सृजन-गीत कब गायेगा – हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश कोई बता दे मानवता का ,परचम कब लहरायेगा,तहस-नहस को आतुर मानव,सृजन-गीत कब गायेगा। टेक। क्षिति-जल-अम्बर नित विकास के,बन कर साक्ष्य महान हुए,धरा बधूटी बन मुसकाई,स्वप्निल सुखद बिहान हुए।द्वन्द्व-द्वेष ने कब आ घेरा,मुझको कौन बतायेगा।कोई बता दे मानवता का ,परचम कब लहरायेगा।1। श्मशान पटे हैं लाशों से,असहाय तड़पती सॉसों … Read more

कुल्हाड़ी पर कविता – आशीष कुमार

कुल्हाड़ी पर कविता - आशीष कुमार

जीवन मूल्य चुकाती कुल्हाड़ी – आशीष कुमार कुल्हाड़ी तीखे नैन नक्श उसकेजैसे तीखी कटारीरुक रुक कर वार करतीतीव्र प्रचंड भारीअसह्य वेदना सह रहा विशाल वृक्षकाट रही है नन्हीं सी कुल्हाड़ी शक्ति मिलती उसको जिससेकर रही उसी से गद्दारीखट खटाक खट खटाकचीर रही नि:शब्द वृक्ष कोकाट रही अंग-अंग उसकाजिसके अंग से है उसकी यारी परंतु दोषी … Read more