वो कांधा ना दिखा – आदित्य मिश्रा
एक मजबूत या कठोर व्यक्ति की व्यथा
एक मजबूत या कठोर व्यक्ति की व्यथा
जब कोई किसी से प्यार करता है तो उसकी व्यथा उसको ही पता रहती है
तुम गुलाब मैं तेरी पंखुरी – उमा विश्वकर्मा तुम गुलाब, मैं तेरी पंखुरी तुम सुगंध, मैं हूँ सौन्दर्य |तुझमें है लालित्य समाया मुझमें रचा-बसा माधुर्य | सारा जग, तुमसे सुरभित हैतुमसे ही, लावण्य उदित है तुम ही देव चरण में शोभित जन-जन का मन, रहे प्रफुल्लित तुम पर ईश्वर, की अनुकम्पा मुझमें रंग भरा प्राचुर्य … Read more
अनन्त चतुर्दशी की बधाई एवं अनन्त शुभकामनाओं सहित यह गणेश विदाई गीत लिखी गई है
आ बैठे उस पगडण्डी पर – बाबू लाल शर्मा आ बैठे उस पगडण्डी पर,जिनसे जीवन शुरू हुआ था। बचपन गुरबत खेलकूद में,उसके बाद पढ़े जमकर थे।रोजगार पाकर हम मन में,तब फूले ,यौवन मधुकर थे।भार गृहस्थी ढोने लगते,जब से संगिनी साथ हुआ था।आ बैठे उस पगडण्डी परजिनसे जीवन शुरू हुआ था। रिश्तों की तरुणाई हारी,वेतन से … Read more