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मैं जीने लगी
मैं जीने लगीवक्त का सरकनाऔर उनके पीछेमेरा दौड़ना ये खेल निरन्तर चल रहा हैकहाँ थे औरकहाँ आ…
तांका काव्य विधा पर रचनायें
तांका काव्य विधा पर रचनायें1 धुंध के फाहे भोर में सैर करे छल्ले उड़ाते सूर्य काँपते आते दुल्हन सी शर्माते ।।…
प्यार करते हो उनको बता दीजिए
प्यार करते हो उनको बता दीजिएप्यार करते हो उनको बता दीजिए ।आग है इक तरफ तो बुझा दीजिए ।।उनके खत पढ़के…
भुवन बिष्ट की वंदन रचना
भुवन बिष्ट की वंदन रचनानव दीप जले हर मन में, अब तो भोर…
कवि और कविता
कवि और कवितासाथ जब से मिला तुम्हाराडूबते को तिनके का सहाराबस हो गया, तब से तुम्हाराहर पल पाया साथ तुम्हारा।…
आँख खुलने लगी
आँख खुलने लगीरात के पिछले पहर मेंशीत की ठंडी लहर मेंकोहरे की चादर ओढ़ेसो रहे थे चाँद-तारेधीरे -धीरे धरा…
मानवता के दीप
मानवता के दीपहम तो सदा ही मानवता के दीप जलाते हैं,उदास चेहरों पर सदा मुस्कराहट लाते हैं।हार मानकर …
चांदनी रात
चांदनी रातचांदनी रात मेंपिया की याद सताएमिलने की चाहदिल में दर्द जगाए।।हवा की तेज लहरजिगर में घोले…
धूप की ओट में बैठा क्षितिज
धूप की ओट में बैठा क्षितिजरवि-रश्मियाँ-रजत-धवल पसरीं वर्षान्त की दुपहरी मैना की चिंचिंयाँ-चिंयाँ से शहर न लगता…