ऋतुओं का राजा होता ऋतुराज बसंत

ऋतुओं का राजा होता ऋतुराज बसंत

ऋतुओं का राजा

इस दुनिया में तीन मौसम है सर्दी गर्मी और बरसात।
इनमें आते ऋतुएं छह ,चलो करते हैं हम इनकी बात।
सभी ऋतुओं का राजा होता , ऋतुराज बसंत।
चारों ओर हरियाली फैलाता, चित्त को देता आनंद।।
फरवरी कभी मार्च से होता है तुम्हारा आगमन।
खेतों में सरसों के फूल , झूमते हैं होकर मस्त मगन।
पूरे साल में केवल बसंत में खिलते हैं फूल कमल ।
पशु-पक्षी भी करती इस ऋतु में , अति चहल पहल।
प्रकृति की सुंदरता बढ़ाती, पेड़ों की हर डाली लहराता।
ना ज्यादा गर्मी लगती है , ना ज्यादा सर्दी सताता।
चारों ओर छाती प्रसन्नता, मधुर तान सुनाती अपनी कोयल।
पीलापन छा जाता सब ओर, पैरों में छनकती खुशियों की पायल।
ऋतु वसंत के नाम पर , लोग मानते त्यौहार वसंत पंचमी।
मात सरस्वती की पूजा करते , मन से अपने पूरे सभी।
होली जैसा रंग बिरंगा, त्यौहार देन है ऋतु वसंत की।
मेला लगाते कई जगहों पर , व्यक्त करते अपने आनंद की।
इसीलिए तो ऋतु वसंत , ऋतुओं का राजा कहलाता है।
वातारण में लाता नवीनता , मन को प्रफुल्लित कराता है।।

रीता प्रधान,रायगढ

No Comments
  1. Ritesh says

    👌👌👌👌

  2. Shayri shubha sidar says

    Nice poetry

  3. Tuleshwar saksena says

    👌👌👌👌👌very nice ji

  4. Rajkumar says

    👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

  5. Raj kumar says

    👌👌👌👌

  6. Pratiksha says

    Very beautiful poem

  7. Nitesh Gupta says

    बहुत ही सुंदर एवं मनभावक कविता

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