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सरस्वती वंदना

माँ सरस्वती शारदे
बुद्धि प्रदायिनी ज्ञानदायिनी
पद्मासना श्वेत वस्त्रा माँ
अज्ञानता हर ज्ञान दे माँ हंसवाहिनी।
तेरे चरणों की पावन रज कण
ललाट पर मेरे सुशोभित रहे माँ
विस्तार हो मेरे ज्ञान का असीमित
कलम मेरी वरदहस्त रहे माँ।
धूप दीप नैवेद्य शुभ अर्चन वंदन
कष्ट पीर विपत्ति हर दे माँ मेरे
ज्ञानचक्षु का दिव्य प्रकाश दे माँ
विशाल शब्द शक्ति हो माँ पास मेरे।
हे वीणावादिनी कमल आसनी
उज्ज्वल दिव्य प्रकाश दे माँ
अज्ञान तम का निस्तार कर दे
सफलता का निर्मल आकाश दे माँ।
वाग्देवी महामाया महारूपा तू है माँ
ज्योतिपुंज महाभागा तू ही सुखदायिनी
सौभाग्य उदय हो आशीष से माँ
करबद्ध नमन माँ ज्ञान प्रदायिनी।
कुसुम लता पुंडोरा
नई दिल्ली
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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