शहीद बना दो
वतन पर शहीद हो जाऊँ,
ऐसा मेरा दिल बना दो ।
भगत,आजाद,
या फिर से मुझे बिस्मिल बना दो ।। (1)
तूफानों से निबाह,
मेरा बरसों से रहा ।
अब मुझे किसी कश्ती का,
शाहिल बना दो ।। (2)
दुश्मनों के नापाक ईरादे,
टिक नहीं पाएंगे ।
बस उनके लिए मुझे,
बेरहम क़ातिल बना दो ।। (3)
मातृभूमि के सिवा,
और कुछ भी याद न रहे ।
ऐसा कोई देशभक्त,
मुझे कोई फाज़िल बना दो ।। (4)
बसंती चोला लिए,
राख हो जाऊँ इस मुल्क पर ।
मेरे भी जीवन को,
तुम किसी काबिल बना दो ।। (5)
बापू के महान विचार,
जीवित रहें फ़लक पर ।
इस धरा की मिट्टी को,
सदा के लिए दुर्मिल बना दो ।। (6)
वीरों की शहादत को,
सुभद्रा सी रोशनाई दूँ ।
दिनकर,चतुर्वेदी,
या फिर मुझे धूमिल बना दो ।। (7)
प्रकाश गुप्ता ‘हमसफ़र’
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