जिंदगी एक पतंग – आशीष कुमार

जिंदगी एक पतंग – आशीष कुमार उड़ती पतंग जैसी थी जिंदगीसबके जलन की शिकार हो गईजैसे ही बना मैं कटी पतंगमुझे लूटने के लिए मार हो गई सबकी इच्छा पूरी की मैंनेमेरी इच्छा बेकार हो गईकहने को तो आसमान की ऊँचाईयाँ मापी मैंनेचलो मेरी ना सही सबकी इच्छा साकार हो गई ऐसा भी ना था … Read more

कुल्हाड़ी पर कविता – आशीष कुमार

कुल्हाड़ी पर कविता - आशीष कुमार

जीवन मूल्य चुकाती कुल्हाड़ी – आशीष कुमार कुल्हाड़ी तीखे नैन नक्श उसकेजैसे तीखी कटारीरुक रुक कर वार करतीतीव्र प्रचंड भारीअसह्य वेदना सह रहा विशाल वृक्षकाट रही है नन्हीं सी कुल्हाड़ी शक्ति मिलती उसको जिससेकर रही उसी से गद्दारीखट खटाक खट खटाकचीर रही नि:शब्द वृक्ष कोकाट रही अंग-अंग उसकाजिसके अंग से है उसकी यारी परंतु दोषी … Read more

हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम- आशीष कुमार

हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुमकर्तव्य पथ पर डटो तुममुश्किलों का सामना करोतूफान के आगे भी अड़ो तुमहे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुमकर्तव्य पथ पर डटो तुम तुम्हारा कर्म ही तुम्हारी पहचान बनेगाचिरकाल तक तुम्हारा नाम करेगालोभ मोह क्रोध पाप को तजो तुमसत्य निष्ठा नेकी का … Read more

महान क्रिकेटर कपिल देव पर कविता

महान क्रिकेटर कपिल देव पर कविता क्रिकेट के असली हीरो”कपिल देव” क्रिकेट के इतिहास में ,जिसने किया कुछ ऐसा काम।विश्वकप हासिल करके,रौशन किया देश का नाम। क्रिकेट का जुनून नहीं उस वक्त,आपने क्रिकेट के खेल को सजाया।विश्वकप का खिताब जमाकर,आपने देश का मान बढ़ाया। हर भारतीय को गर्व है आप पर,भारत माँ के लाल,विश्व क्रिकेट … Read more

शीत ऋतु (ठण्ड) पर कविता

यहाँ पर शीत ऋतु (ठण्ड) पर कविता दिए गये हैं आपको कौन सी अच्छी लगी , नीचे कमेंट बॉक्स पर जरुर लिखें शीत ऋतु का आगमन घिरा कोहरा घनघोरगिरी शबनमी ओस की बूंदेबदन में होने लगीअविरत ठिठुरन ओझल हुई आंखों सेलालिमा सूर्य कीदुपहरी तक भी दुर्लभहो रही प्रथम किरण इठलाती बलखातीबर्फ के फाहे बरसातीशीत ऋतु … Read more