क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से

radha shyam sri krishna

क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से झलकत, नैनन की गगरियाँ,झलक उठे, अश्रु – धार,क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से,बेहिन्तहा, होकर बेकरार! तड़पत – तड़पत हुई मै बावरी,ज्यों तड़पत जल बिन मछली,कब दर्शन दोगे घनश्याम,बिन तेरे अँखियाँ अकुलांई! क्यों? प्रीत बढ़ाई कान्हा से, बेहिन्तहा, होकर बेकरार,! मुझे अपनी बाँसुरियाँ बना लौ,वर्ना, प्रीत मोहे डस लेगी,दरसन मै, तेरे, बाँसुरियाँ … Read more

मीत बना कर लो रख हे गिरधारी/गीता द्विवेदी

goverdhan shri krishna

मीत बना कर लो रख हे गिरधारी (1) आकर देख जरा अब हालत मैं दुखिया बन बाट निहारी।श्यामल रूप रिझा मन मीत बना कर लो रख हे गिरधारी।काजल नैन नहीं टिकता गजरा बिखरे कब कौन सँवारी।चाह घनेर भयो विधि लेखन टारन को अड़ते बनवारी।। (2) कातर भाव पुकार रही हिरणी प्रभु आकर प्राण बचाओ।नाहर घेर … Read more

मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी / रचयिता:-डी कुमार–अजस्र

goverdhan shri krishna

प्रस्तुत गीत या गेय कविता/भजन —- मेरे गिरधर, मेरे कन्हाई जी —डी कुमार–अजस्र द्वारा स्वरचित गीत या भजन के रूप में सृजित है ।

गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव – बाबूराम सिंह

goverdhan shri krishna

गोकुल में कृष्ण जन्मोत्सव                      जन्म  उत्सव मोहन का,  देखन देव महान।भेष  बदल  यादव  बनें  ,यशोदा के मकान ।। सब  देवों  की नारियाँ ,ले मन  पावन  प्रीत। बनी  रूप  तज  गोपियाँ ,गाती  मंगल गीत।। रमे   मुरारी   प्रेम   में , बैठे   शम्भु   उदास।चलो नाथ गोकुल चलें,कहीं सती आ पास।। शम्भु  मदारी  बन  गये , डमरू लेकर  हाथ।गोकुल  … Read more

तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा-केवरा यदु “मीरा “

radha shyam sri krishna

तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।आओ कन्हाई आओ कन्हाईतुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा—- कान्हा तूने राधा से प्रीत लगाकरभूले हो कैसे मोहन मथुरा में जाकर ।गोकुल की गलियों में फिरती है बावरी सीतन की सुध बिसराई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा … Read more