Tag Hindi poem on Krishna Janmashtami

भाद्रपद कृष्ण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे केवल जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में मनाया जाता है ।

shri Krishna

कृष्ण रासलीला

कृष्ण रासलीला लीला राधे कृष्ण सम,आँख उठा के देख।लाख कोटि महा शंख में,लख लीला है एक।। सब देवों की नारियाँ,कर नित साज सिंगार।गमन करें शुचि रास में ,बन ठन हो तैयार।। कृष्णप्रेम विह्वल शम्भु,निज मन कियो विचार।राधे कृष्ण प्रेम परम…

shri Krishna

हे नटनागर हे गिरधारी – भजन अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

यह एक भजन है जिसमे कान्हा की भक्ति एवं उनकी कृपा प्राप्ति का प्रयास किया गया है |
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी - भजन - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

goverdhan shri krishna

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी

गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी नटवर नागर प्यारे कान्हा, गोवर्धन कर धरते हो।इंद्र देव का माधव मोहन, सर्व दर्प तुम हरते हो। ब्रज मंडल के सब नर-नारी, इंद्र पूजते सदियों से।लीलाधारी कृष्ण चन्द्र को, कभी न भाया अँखियों से।उनके…

shri Krishna

कृष्ण रंग रंगी मीरा /अर्चना पाठक

कृष्ण रंग रंगी मीरा/ अर्चना पाठक तज महल अटारी ,कर सितार लिये गली गली श्याम संग घूमी मीरा । वीणा के तार कृष्ण दास हुये भक्ति के रंग में रंगी मीरा । पराधीनता की गहरी टीस लिये। विरक्ति के गीत…

shri Krishna

श्री कृष्ण स्तुति

श्री कृष्ण स्तुति सीता – छंद परिचय – पंचदशाक्षरावृत्ति गण-विन्यास–र त म य र SIS SSI SSS ISS SIS     –साँवरे श्रीकृष्ण मेरे दुर्गुणों को ही हरो।    औरकोई भी कमी को ध्यान में नाही धरो। मैं नवाऊँ माथ…

shri Krishna

राधा पुकारे तोहे श्याम- केवरा यदु मीरा की भजन

जिसका प्रकार भक्तिकाल में मीरा अपने श्रीकृष्ण के भक्ति में रंग गई थी, वैसे ही आज राजिम की कवयित्री केवरा यदु मीरा अपने श्याम के रंग में रंगकर अपना भजन लिखी जा रही है. उनके भजन संग्रह में से

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर कविता – रेखराम साहू

श्रीकृष्ण पर कविता – रेखराम साहू महाव्याधि है मानवता पर, धरा-धेनु गुहराते हैं।आरत भारत के जन-गण,हे कान्हा! टेरते लगाते हैं।। चित्त भ्रमित संकीर्ण हुआ है,हृदय हताहत जीर्ण हुआ है।धर्मभूमि च्युतधर्म-कर्म क्यों,अघ अधर्म अवतीर्ण हुआ है ।।संस्कृति के शुभ सुमन सुगंधित…

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर दोहे

श्रीकृष्ण पर दोहे सुभग सलोने सांवरेनटवर दीन दयालनिरख मनोहर श्याम छविनैना हुए निहाल छवि मोहन की माधुरीनैना लीन्ह बसायजित देखों वो ही दिखेऔर ना कछु लखाय गावत गुण गोपाल केदही मथानी हाथब्रज जीवन निर्भय भयोश्याम तुम्हारे साथ पुष्पा शर्मा “कुसुम”…

शोकहर/सुभांगी छंद में कविता

शोकहर/सुभांगी छंद में कविता ~ *शोकहर/सुभांगी छंद* ~ *विधान- 8,8,8,6* *तुकांत- पहली दूसरी यति अंत तुकांत* *चरण- चार चरण सम तुकांत* नंद दुलारे जन जन प्यारे, हे गोपाला, ध्यान धरो। हे कमलनयन हे मनमोहन नाथ द्वारिका कृपा करो। अजया अच्युत…

goverdhan shri krishna

जन्माष्टमी पर दोहे -मदन सिंह शेखावत

जन्माष्टमी पर दोहे भादौ मास अष्ठम तिथि , प्रकटे कृष्ण मुरार।प्रहरी सब अचेत हुए , जेल गये खुल द्वार।।1 जमुना जी उफान करे, पैर छुआ कर शान्त।वासुदेव धर टोकरी , नन्द राज के कान्त।।2 कंस बङा व्याकुल हुआ,ढूढे अष्ठम बाल।नगर…