अब तो खुलकर बोल

अब तो खुलकर बोल* शर्मिलापन दूर भगाकर,घूँघट के पट खोल!बोल बावरी कलम कामिनी,अब तो खुल कर बोल!!जीवन की अल्हड़ता देखी,खुशियाँ थी अनमोल!दुख को देखा इन नैनों से,तर्क तराजू तोल!ऊंच नीच की गलियाँ देखी,अक्षर अक्षर बोल!बोल बावरी कलम कामिनी,अब तो खुलकर बोल!!…………..(१) राजनिती में दल दल देखा,नेताओं का शौर!डाकू बनगये आज धुरंधर,सच्चे नेता चोर!गिरेबाँन गँदा है … Read more

विश्व बाल दिवस पर कविता

जवाहरलाल नेहरू

विश्व बाल दिवस पर दोहा:- बाल दिवस पर विश्व में,हों जलसे भरपूर!बच्चों का अधिकार है,बचपन क्यों हो दूर!!१ कवि , ऐसा साहित्य रच,बचपन हो साकार!हर बालक को मिल सके,मूलभूत अधिकार!!२ बाल श्रमिक,भिक्षुक बने,बँधुआ सम मजदूर!उनके हक की बात हो,जो बालक मजबूर!! ३ बाबूलाल शर्मा अलबेला बचपन पर हास्य कविता मेरा बचपन बड़ा निराला,कुचमादों का डेरा … Read more

करवाचौथ पर हिंदी कविता

करवा चौथ पर कविता

करवाचौथ पर हिंदी कविता- करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सवेरे सूर्योदय से पहले लगभग 4 बजे से आरंभ होकर रात में चंद्रमा दर्शन के उपरांत संपूर्ण होता है।