सभी विद्या की खान है माता

सभी विद्या की खान है माता सभी विद्या, सुधी गुण की,अकेली खान है माता।इन्हे हम सरस्वती कहते,यही सब ज्ञान की दाता।इन्हे तो देव भी पूजें,पड़े जब काम कुछ उनका-सदा श्रद्धा रहे जिसमे,इन्हे वह भक्त है भाता। सदा माँ स्वेत वस्त्रों मे,गले मे पुष्प माला है।लिए पुस्तक तथा वीणा,वहीं पर हाथ माला है।स्वयं अभ्यास रत दिखतीं,यही … Read more

आया रे आया बसंत आया

आया रे आया बसंत आया आया रे आया बसंत आयाआया रे आया बसंत आया।पेड़-पौधों के लिये खुशहाली लेकर आया।।आया रे आया बसंत आया। चारों तरफ छायी है खुशियाली।पेडो़ पर आयी है नयी हरियाली।।आया रे आया बसंत आया। आने वाली है रंगो की होली।बसंत की खुशी में पशु-पक्षी डोल रहे हैं डाली-डाली।।आया रे आया बसंत आया। … Read more

माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता

माघ शुक्ल बसंत पंचमी पर कविता माघ शुक्ल की पंचमी,भी है पर्व पुनीत।सरस्वती आराधना,की है जग में रीति।। यह बसंत की पंचमी,दिखलाती है राह।विद्या, गुण कुछ भी नया,सीखें यदि हो चाह।। रचना, इस संसार की,ब्रह्मा जी बिन राग।किये और माँ शक्ति ने,हुई स्वयं पचभाग।। राधा, पद्मा, सरसुती,दुर्गा बनकर मात।सरस्वती वागेश्वरी,हुईं जगत विख्यात।। सभी शक्ति निज … Read more

आया बसंत- कविता चौहान

आया बसंत आया बसंत आया बसंत, आया बसंतछाई जग में शोभा अनंत।चारों ओर हरियाली छाईजब बसंत ऋतु है आई।रंग बिरंगे फूल खिलाएखेतों पर सरसों लहराए।फूलों पर भोरे मंडराएजब बसंत ऋतु है आए। सूरज की लाली सबको भाए।देख बसंत, शाखाएं लहराए।देख नीला आसमा मन हर्षाए।जब बसंत अपना रंग बिखराए। अलसी की शोभा निराली।कोयल कूके डाली डाली।देखो … Read more

प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते

प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते- डॉ सुशील शर्मा सखि बसंत में तो आ जाते।विरह जनित मन को समझाते।         दूर देश में पिया विराजे,       प्रीत मलय क्यों मन में साजे,       आर्द्र नयन टक टक पथ देखें       काश दरस उनका पा जाते।       सखि बसंत में तो आ जाते।   सुरभि मलय मधु ओस … Read more