बसंत का आगाज़
बसंत ऋतु आधारित
बसंत ऋतु आधारित
ऋतुओं का राजा होता ऋतुराज बसंत ऋतुओं का राजा इस दुनिया में तीन मौसम है सर्दी गर्मी और बरसात।इनमें आते ऋतुएं छह ,चलो करते हैं हम इनकी बात।सभी ऋतुओं का राजा होता , ऋतुराज बसंत।चारों ओर हरियाली फैलाता, चित्त को…
छप्पय छन्द में बसंत पंचमी पर रचना
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में
मां सरस्वती वंदना और बसंत पंचमी विशेष रचना
बसंत पंचमी विशेष रचना ऋतुराज बसंत- शची श्रीवास्तव
लौट आओ बसंत न खिले फूल न मंडराई तितलियाँन बौराए आम न मंडराए भौंरेन दिखे सरसों पर पीले फूलआख़िर बसंत आया कब..? पूछने पर कहते हैं–आकर चला गया बसंत !मेरे मन में रह जाते हैं कुछ सवालकब आया और कब…
मात शारदे नमन लिखा दे-बाबू लाल शर्मा"बौहरा"
विरह पर दोहे सूरज उत्तर पथ चले,शीत कोप हो अंत।पात पके पीले पड़े, आया मान बसंत।। फसल सुनहरी हो रही, उपजे कीट अनंत।नव पल्लव सौगात से,स्वागत प्रीत बसंत।। बाट निहारे नित्य ही, अब तो आवै कंत।कोयल सी कूजे निशा,ज्यों ऋतुराज…
बसंत पंचमी पर कविता मदमस्त चमन अलमस्त पवन मिल रहे हैं देखो, पाकर सूनापन। उड़ता है सौरभ, बिखरता पराग। रंग बिरंगा सजे मनहर ये बाग। लोभी ये मधुकर फूलों पे है नजर गीला कर चाहता निज शुष्क अधर। सजती है…