ऋतुओं का राजा होता ऋतुराज बसंत

ऋतुओं का राजा होता ऋतुराज बसंत ऋतुओं का राजा इस दुनिया में तीन मौसम है सर्दी गर्मी और बरसात।इनमें आते ऋतुएं छह ,चलो करते हैं हम इनकी बात।सभी ऋतुओं का…

लौट आओ बसंत

लौट आओ बसंत न खिले फूल न मंडराई तितलियाँन बौराए आम न मंडराए भौंरेन दिखे सरसों पर पीले फूलआख़िर बसंत आया कब..? पूछने पर कहते हैं--आकर चला गया बसंत !मेरे…

विरह पर दोहे -बाबू लाल शर्मा

विरह पर दोहे सूरज उत्तर पथ चले,शीत कोप हो अंत।पात पके पीले पड़े, आया मान बसंत।।फसल सुनहरी हो रही, उपजे कीट अनंत।नव पल्लव सौगात से,स्वागत प्रीत बसंत।।बाट निहारे नित्य ही,…

बसंत पंचमी पर कविता

बसंत पंचमी पर कविता मदमस्त    चमन अलमस्त  पवन मिल रहे  हैं देखो, पाकर  सूनापन। उड़ता है सौरभ, बिखरता पराग। रंग बिरंगा सजे मनहर ये बाग। लोभी ये मधुकर फूलों पे…