Tag: kevra yadu meera ki kavita

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०केवरा यदु मीरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा-केवरा यदु “मीरा “

    तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा-केवरा यदु “मीरा “

    तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा

    radha shyam sri krishna
    श्री राधाकृष्ण

    तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।
    आओ कन्हाई आओ कन्हाई
    तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा—-

    कान्हा तूने राधा से प्रीत लगाकर
    भूले हो कैसे मोहन मथुरा में जाकर ।
    गोकुल की गलियों में फिरती है बावरी सी
    तन की सुध बिसराई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
    तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
    आओ कन्हाई—

    यमुना के तट पर आ जाओ कान्हा।
    मधुर मुरलिया सुना जाओ कान्हा।
    आके गले से लगा जाओ कान्हा ।
    क्यूँ कर प्रीत भुलाये कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
    आओ कन्हाई–

    आकर मोहन फिर रास रचादो ।
    सावन के झूले में आकर झुला दो।
    प्यासी अँखियाँ श्याम दरश दिखादो ।
    इक तू है मेरा सहाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
    आओ कन्हाई —

    तेरे मिलन की पिया आश लगाई।
    मैं तेरी मीरा”तू है मेरा कन्हाई ।
    जनम जनम से प्रीत सगाई ।
    निकला क्यूँ हरजाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।
    आओ कन्हाई आओ कन्हाई
    तुझ संग प्रीत लगाई कृष्णा कृष्णा कृष्णा हो कान्हा ।।

    केवरा यदु “मीरा “

    राजिम
  • हो मुरलिया रे / केवरा यदु “मीरा”

    हो मुरलिया रे / केवरा यदु “मीरा”

    हो मुरलिया रे / केवरा यदु “मीरा”

    shri Krishna
    Shri Krishna


    हो मुरलिया रे तँय का का  दान पुन करे हस।
    तँय का का दान पुन करे हस।
    तोर बिना राहय नहीं कान्हा ओकरे संग धरे हस।
    तँय का का दान पुन करे हस।।


    सुन रे मुरलिया तोर भाग जबर हे कान्हा के संग रहिथस।
    मोहना के हिरदय के बात ला अपने धुन मा कहिथस।
    राधा सही तँय ओकर पियारी होठ मा तँय हा लगे हस।।
    तँय का का दान पुन करे हस।
    तँय का का-


    राधा रूक्मनी के जिवरा जरथे कान्हा ला नइ छोंड़स।
    कनिहा मा कभू हाथ मा बसे हस थोरको संग नइ छोड़स।
    तोर जिनगानी श्याम बने हे सांस मा ओकरे बसे हस।।
    तँय का का दान पुन करे हस।
    तँय का का–


    तोरे धुन मा राधा ला बलाथे जमुना भरे बर पानी।
    मुरली के धुन सुन आगे गुवालिन सब हे तोरे दिवानी।
    गोप गुवाल अऊ गइया बछरूसबो के मन मा बसे हस।।
    तँय का का दान पुन करे हस।।
    तँय  का का-


    ब्रम्हा बिष्णु शिव जी मोहागे तोरे धुन ला सुनके।
    जहर के पियाला मीरा पी गे बंसी के धुन सुनके।
    बंसी के धुन मा तोरे पिरित मा जग ला तँय मोहे हस।।
    तँय  का का दान पुन करे हस।


    हो मुरलिया रे तँय का का दान पुन करे हस।।
    तोर बिना राहय नहीं कान्हा ओकरे संग धरे हस।।
    तँय का का दान पुन करे हस।।
    तँय का  का दान-


    केवरा यदु “मीरा”

  • राधा पुकारे तोहे श्याम- केवरा यदु मीरा की भजन

    राधा पुकारे तोहे श्याम- केवरा यदु मीरा की भजन

    राधा पुकारे तोहे श्याम

    shri Krishna
    Shri Krishna

    राधा पुकारे तोहे श्याम हाथ जोड़ कर।
    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर।।
    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।

    रूठ गई निंदिया श्याम , चैनों करार भी।
    प्रीत जगाके काहे मुझको बिसार दी।
    भूल नहीं जाना कान्हा दिल से नाता जोड़ कर।।

    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।।
    आ जाओ—

    बाँसुरी बजा के कान्हा फिर से बुलाने आजा।
    पूनम की रात मोहन रास रचाने आजा।
    यमुना तट पे बैठी हूँ मैं जाऊँ ना छोड़ कर।।

    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।
    आ जाओ–

    मधुबन उदास कान्हा यमुना उदास है।
    रोते हैं ग्वाले तेरे दर्शन की प्यास है ।
    मुड़कर कर न देखा श्याम हमसे नाता जोड़ कर।।

    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।।
    आ जाओ–

    नैनों से नीर बरसे कान्हा तेरी याद में ।
    मर न जाऊँ रो रोकर पछताओगे बाद में ।
    कैसे तुम जीते हो मोहन हमसे मुँह मोड़ कर।।

    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।
    राधा पुकारे तोहे श्याम हाथ जोड़ कर।
    आ जाओ मोहन प्यारे मथुरा को छोड़ कर ।।
    आ जाओ—


    केवरा यदु “मीरा “

  • भारत माँ का सपूत

    23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी।

    महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। महात्मा गांधी के सम्मान में 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर शहीद दिवस मनाया जाता है।

    bharatmata
    भारत माता

    भारत माँ का सपूत

    भारत माँ का मैं वीर सपूत सीमा पर जाऊँगा।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।

    हमें हमारी मातृभूमि से इतना प्यार मिला ।
    माँ की आँचल छैंया सा सा दुलार मिला ।
    मातृभूमि के रक्षा हित निज प्राण गवाऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।।

    लेकर जान हथेली पर चलते भारत के वीर ।
    दुश्मन गर आ जाये सामने देते उनको चीर ।
    अमन चैन  और शाँति का संदेशा लाऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।

    देश  वासियों के चेहरे पे मुस्कान रहे ।
    फहरता  तिरंगा  छूकर  आसमान  रहे ।
    पूरा भारत परिवार मेरा मुस्कान दे जाऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।।

    लहू से सींचा धरती को उन वीरों याद करें ।
    तड़प रही माँ  भारती उनको हम आजाद करें ।
    काश्मीर  हमारा  है रहेगा लेकर आऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।।

    केवरा यदु”मीरा “
    राजिम

  • ये है मेरा वतन

    ये है मेरा वतन

    ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन ।
    ये देश है गौतम गांधी का
    ये देश है नेहरू शास्त्री का
    यहाँ तिरंगा प्यारा है।
    यहाँ गंग यमुन की धारा है ।
    ये मेरा तन मन मेरा जीवन ।


    ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन
    यहाँ तुलसी और कबीर है
    यहाँ प्रीत का रंग अबीर है
    यहाँ राम और रहीम है
    यहाँ कृष्ण और करीम है।
    यहाँ गीता और कुरान है
    यहाँ बाइबल और अजान है
    मेरे माथे का है चंदन ।
    ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन ।


    ये मेरी भारत माता है ।
    यहाँ सभी जन गण मन गाता है
    यहाँ खेतों की हरियाली है
    पर्वत पर केसर की क्यारी है
    यहाँ होली और दिवाली है
    यहाँ ईद और कव्वाली है।
    मेरे वतन की माटी को वंदन।
    ये है मेरा वतन मेरा गंगा जमन ।

    केवरा यदु “मीरा “