लबों पे है तेरा नाम

लबों पे है तेरा नाम लब  पे नाम  तेरा सुमिरूँ मैं सुबह शाम मोहन  मेरे  श्याम । आँखों  में तुम बसे होसाँसों की माला  में ओ मोहन  बस तेरा ही  नाम । तुम जगत  नियंता भक्तों को प्यारे ।हे गोविन्द  मेरे यसुदा के  हो दुलारे । मैने  रचाई मेंहदी मोहना  तेरे  नाम । लबों पे है … Read more

दिसंबर महीने पर कविता

दिसंबर महीने पर कविता आ गये दिसंबर केठिठुराते  दिन।कोहरे की चादर धूप भाये पल झिन । आ गये दिसंबर के ठिठुराते दिन । लुका छुपी करतासूरज  दादा  आसमां पेबेमौसम पानी बरसे रिमझिम । आ गये दिसंबर के ठिठुराते दिन । काँप रहे दादा जी जला रहे अलावदादी बुला  रही अरेसोनू  मोनू  जल्द  आवदाँत किटकिटाते पानी … Read more

मुसाफिर पर कविता

 चल मुसाफिर चल-केवरा यदु “मीरा “ जिन्दगी  काँटों भरी है चल मुसाफिर चल ।गिर गिर कर उठ संभल मुसाफ़िर चल । लाख तूफाँ आये तुम रूकना नहीं।मंजिलों की चाह  है झुकना नहीं ।मंजिल तुझे मिल जायेगी आज नहीं तो कल। याद रख जो आँधियों से है टकराते ।मंजिल कदम चूमने उनके ही आते।गुनगुनाना कर मुस्कुरा … Read more

पथ की दीप बनूँगी

पथ की दीप बनूँगी प्रिय तुम न होना उदास तेरे पथ की दीप बनूँगी ।फूल बिछा कर पग पर तेरे काँटे सदा वरण करूँ गी ।।तेरे पथ की दीप बनूँगी। ना  मन  हो  विकल  न उथल पुथल ।मनों भाव अर्पित कर अधर की मुस्कान बनूँगी । तेरे पथ की दीप बनूँगी। जिन्दगी में कभी गम … Read more

श्याम छलबलिया – केवरा यदु

shri Krishna

श्याम छलबलिया – केवरा यदु श्याम छलबलिया कइसे भेज दिहे व पाती।तुम्हरे दरस बर तरसथे मोर आँखी।तुम्हरे दरस बर तरसथे मोर आँखी।।कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे।ऊधो आइस पाती सुनाइस।पाती पढ़ पढ सखी ला सुनाईस।पाती सुन के पाती सुन के धड़कथे मोर छाती।।तुम्हरे दरस बर तरसथे मोर आँखी।।कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे … Read more