शिव में ध्यान लगा -मनीभाई नवरत्न

शिव में ध्यान लगा शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.शिव में ध्यान लगा.शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.शिव में ध्यान लगा. मौका मिला तुझे , शिव से मिलने को .जाने ना दे ये पल, दिन है ढलने को ।वरना होगा गुनाह, मिले ना फिर पनाह.मन से अपने आलस भगा .शिव में ध्यान लगा, रे मनुवा.शिव … Read more

शिवरात्रि पर कविता

शिवरात्रि पर कविता शिव को ध्याने के लिए लो आ गई रात्रि।मौका मिला है शिव की करने को चाकरी। शिव को मनाने के लिए बस श्रद्धा चाहिए।शिव को पाना जो चाहो तो नजरिया चाहिए।हो मुक्कमल सफ़र अपना और जाए यात्री। हम जन्म मरण से मुक्त हों और पाएं मोक्ष को।मंजिल कठिन हो चाहे पर अर्जुन … Read more

शिव महिमा कविता

शिव महिमा कविता शिव शिवा शिव शिवा शिव शिवा ।शिव शव हैं……शिवा के सिवा। शिव अपूर्ण हैं शक्ति के बिनाशक्ति कब पूर्ण हैं शिव के बिनाअनुराग का सत इनका है वफ़ा। लोचन मोचन वि..मोचन सबल तुम होकांति चमक दामिनी सकल तुम होकायनात का कण तूने है रचा। वो अर्धनारी वो अर्धपुरुष हैंऋषि मुनि के हर तो … Read more

शिव – मनहरण घनाक्षरी

शिव – मनहरण घनाक्षरी उमा कंत शिव भोले, डमरू की तान डोले, भंग संग  भस्म धारी, नाग कंठ हार है। शीश जटा चंद्रछवि, लेख रचे ब्रह्म कवि, गंग का विहार शीश, पुण्य प्राण धार है। नील कंठ  महादेव, शिव शिवा एकमेव, शुभ्र वेष  मृग छाल, शैल ही विहार है। किए काम नाश देह, सृष्टि सार  … Read more

शिव महाकाल पर कविता – बाबू लाल शर्मा

हे नीलकंठ शिव महाकाल भक्ति गीत- हे नीलकंठ शिव महाकाल (१६,१४मात्रिक) हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनाशी!हिमराजा के जामाता शिव,गौरा के मन हिय वासी! देवों के सरदार सदाशिव,राम सिया के हो प्यारे!करो जगत कल्याण महा प्रभु,संकट हरलो जग सारे!सागर मंथन से विष पीकर,बने देव हित विश्वासी!हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनासी! भस्म रमाए शीश चंद्र … Read more