तितली पर बाल कविता

तितली पर बाल कविता

तितली पर बाल कविता नीली पीली काली तितली।सुंदर पंखों वाली तितली।। आए-जाए फूलों पर ये,घूमे डाली-डाली तितली।। कुदरत ने कितने रंग भरे,लाड-चाव से पाली तितली।। फूल-फूल पर आती जाती,रहती है कब खाली तितली।। सब को खुशियां देने वाली,ऐसी है मतवाली तितली।। छूने से ये डर जाती है,नाजो-नखरे वाली तितली। -विनोद सिल्ला

दीपावली पर कविता (Diwali kavita in hindi)

का के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी. भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई गई थी. हर नगर हर गांव में दीपक जलाए गए थे. तब से लेकर … Read more

हिन्दी की महत्ता पर कविता

हिन्दी की महत्ता पर कविता – मानव जाति अपने सृजन से ही स्वयं को अभिव्यक्त करने के तरह-तरह के माध्यम खोजती रही है। आपसी संकेतों के सहारे एक-दूसरे को समझने की ये कोशिशें अभिव्यक्ति के सर्वोच्च शिखर पर तब पहुँच गई जब भाषा का विकास हुआ। भाषा लोगों को आपस मे जोड़ने का सबसे सरल … Read more

तथाकथित श्रेष्ठता

तथाकथित श्रेष्ठता मुंडेर को था घमंड अपनी श्रेष्ठता पर देहली पर बड़ी इतराईबड़ी लफ्फाजी कीबड़ी तानाकशी कीअपनी उच्चता केमनगढ़ंत दिए प्रमाण ताउम्र उसी देहली पर चढ़कर खड़ी रही मुंडेर जिसको वहकमतर व नीचीकहती न थकी एक दिन आया जलजलाचरमरा कर ढह गई मुंडेर आ कर गीरीदेहली के पास छू मंत्र हो गई तथाकथित श्रेष्ठता। -विनोद … Read more

चिरनिन्द्रा-विनोद सिल्ला

चिरनिन्द्रा जीत कर चुनाव हमारे राजनेतासो जाते हैं चिरनिंद्रा मेंचार वर्ष बाद चुनावी वर्ष में हीखुलती है इनकी जाग जागते हीलग जाते हैं फिर सेसाम-दाम-दण्ड-भेद आजमाने में छल-बल करकेजीत जाते हैं पुन: चुनाव उठाते हैं फायदाआम जनमानस कीचिरनिन्द्रा का जाने यह चिरनिन्द्राकब खुलेगी ? -विनोद सिल्ला