सावन के दोहे/ नरेन्द्र वैष्णव “सक्ती”

सावन के दोहे/ नरेन्द्र वैष्णव "सक्ती"

नरेंद्र वैष्णव जी का “सावन के दोहे”” काव्य विशेष रूप से उनकी कविताओं में एक प्रमुख पहलू हैं। वे उत्तर भारतीय संस्कृति और भारतीय जीवन-दर्शन को अपनी कविताओं में प्रकट करने वाले प्रमुख कवि रहे हैं। सावन के दोहे/ नरेन्द्र वैष्णव “सक्ती” बारिश की यादें लिए , सिसके सावन देख ।वर्णन करना चाहता , काव्य … Read more

योग दिवस / राजकिशोर धिरही

yogasan

राजकिशोर धिरही की कविता “योग दिवस पर” योग के महत्व और उसके द्वारा मिलने वाले शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करती है। यह कविता शोभन छंद में रची गई है, जो सरल और प्रवाहमयी है, ताकि पाठक इसे आसानी से समझ सकें और इसके संदेश को आत्मसात कर सकें। योग दिवस / राजकिशोर धिरही … Read more

योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

yog

योग पर दोहे में डिजेंद्र कुर्रे योग के महत्व को बयां करते हैं, कि योग हमें शांति और सजावट प्रदान करता है, योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” योग क्रिया तन को करें, अतुल परम बलवान।इसके पुण्य प्रभाव से, मिटते छल अभिमान।। चरक पतंजलि ने दिया, हमको अनुपम योग।दूर करें तन से सदा, सरल सहज … Read more

पर्यावरण दिवस पर चौपाई/ बलबीर सिंह वर्मा ‘वागीश’

save nature

पर्यावरण दिवस पर चौपाई बच्चे – बूढ़े सुन लो भाई,पेड़ों की मत करो कटाई।वृक्षों से मिलती है छाया,गर्मी में हो शीतल काया। सबने इनकी महिमा गाई,मिलते हैं फल-फूल दवाई।पेड़ों से ही वर्षा आती,सब के मन को यह हर्षाती। बात सभी को यह समझाना,एक-एक को पेड़ लगाना।मिलकर सारे पेड़ लगाओ,भारत भू को स्वच्छ बनाओ। *बलबीर सिंह … Read more

पर्यावरण बचाव पर कविता

Save environment

पर्यावरण बचाव पर कविता 1-पर्यावरण बचाइए, कहता पूरा देश |एक लगाओ पेंड़ जो, बदलेगा परिवेश||2-हरे भरे रखना सदा ,हरियाली के केश|महके तन मन गंध से,पर्यावरण विशेष||3-पर्यावरण पुकारता, ले लो प्रेम अपार|मेरे अन्तस् पैठ के, लेना मुझे निहार||4-सबका खुशियों से सजे,सुन्दर जीवन धाम|पर्यावरण सुधारना, सबसे उत्तम काम||5-दोष युक्त पर्यावरण, किसे सुहाता मीत|दोषों के परिहार से, उपजे … Read more