चैत्र नवरात्र पर घनाक्षरी

नवदुर्गा सनातन धर्म में माता दुर्गा अथवा माता पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं। माता के नव् रूपों पर कविता बहार की कुछ रचनाये – चैत्र … Read more

वृध्दों पर दोहे- सुधा शर्मा

वृध्दों पर दोहे बूढ़ा बरगद रो रहा, सूख गये सब पात।अपनों ने ही मार दी,तन पर देखो लात।। दिया उमर भर आज तक,घनी सभी को छाँह।भूल गये सब कृतज्ञता,काट रहे हैं बाँह।। ढूंढ रहा है देख लो,बेबस अपनी छाँव।आया कैसा हैसमय,बीच धार है नाव।। मात पिता सम वट समझ ,रखो सदा ही ध्यान ।शक्ति पुंज … Read more

रामनवमी पर दोहे / सुधा शर्मा

Jai Sri Ram kavitabahar

रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। रामनवमी पर दोहे / सुधा शर्मा जनम लिए रघुनाथ हैं,हर्षित जन मन आज।आए जग भरतार हैं,रघुकुल के सरताज।। चैत्र शुक्ल तिथी नवम,शुभ दिन शुभ कर नाम।राजा दशरथ प्राण प्रिय,जनमे रघुवर … Read more

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान

बेटी पर दोहे -सुकमोती चौहान १.बेटी होती लाड़ली,जैसे पुष्पित बाग।बिन बेटी के घर लगे, रंग चंग बिन फाग।। २.बेटी लक्ष्मी गेह की,अब तो नर लो मान।सेवा कर माँ बाप की,बनती कुल की शान।। ३.साक्षर होगी बेटियाँ,उन्नत होगा देशभर संस्कार समाज में,बदलेंगी परिवेश।। ४.बहु भी बेटी होत है,रखो न दूजा भावनिज बेटी सा मान दो,लाओ जी … Read more

सद्गुरु-महिमा न्यारी जग का भेद खोल दे

सद्गुरु-महिमा न्यारी सद्गुरु-महिमा न्यारी, जग का भेद खोल दे।वाणी है इतनी प्यारी, कानों में रस घोल दे।।गुरु से प्राप्त की शिक्षा, संशय दूर भागते।पाये जो गुरु से दीक्षा, उसके भाग्य जागते।।गुरु-चरण को धोके, करो रोज उपासना।ध्यान में उनके खोकेेे, त्यागो समस्त वासना।।गुरु-द्रोही नहीं होना, गुरु आज्ञा न टालना।गुरु-विश्वास का खोना, जग-सन्ताप पालना।।गुरु की गरिमा भारी, … Read more