वेदों पर कविता- डिजेन्द्र कुर्रे

वेदों पर कविता सार भरा ऋग्वेद में ,देवों का आह्वान।लिखा वेद जी व्यास ने,जिसका अतुल विधान।। यजुर्वेद में मंत्र का,पावन है विस्तार।मुनिजन जिसको बाचकर,पाएं जीवन सार।। तन मन को शीतल करें,सामवेद का ज्ञान।लिखा मंत्र के रुप में,जिसमें सुर लय तान।। अथर्ववेद है तंत्र का,अनुपम अतुलित जाप।कभी जगत को दे सजा,कभी हरे संताप।। चारों वेदों में … Read more

सतनाम पिरामिड रचना

सतनाम पिरामिड रचना हेनरतज तूनशाखोरीजाति प्रपंचचोरी, व्यभिचारअसत,हिंसा,हत्याअपना   सतनामकरूणा निधानदेगा सम्मानवही सच्चामहानधर्म है। #मनीभाई”नवरत्न”

हे नारी तू खास है

चोका:- नारी तू खास है★★★★★ हर युद्ध काजो कारण बनतालोभ, लालचकाम ,मोह स्त्री हेतुपतनोन्मुखइतिहास गवाहस्त्री के सम्मुखधाराशायी हो जाताबड़ा साम्राज्यशक्ति का अवतारनारी सबला।स्त्री चीर हरण सेकौरव नाशमहाभारत कालरावण अंतसीता हरण करस्त्री अपमानहर युग का अंत।आज का दौरनारी सब पे भारीगर ठान लेदिशा मोड़े जग कासहनशीलप्रेम त्याग की देवीधैर्य की धागाबांधकर रखतीदेवों का वासतेरे आस पास … Read more

आओं खेलें सब खेल

आओं खेलें सब खेल आओं खेलें सब खेल ।बन जाओ सब रेल।छुक छुक करते जाओ ।सवारी लेते जाओ ।कोई छुट  ना जाए ।हमसे रूठ ना जाए ।सबको ले जाना जरूरी ।तय करनी लम्बी दूरी ।सबको मंजिल पहुंचायेंगे ।घुम फिरकर घर आयेंगे । मनीभाई नवरत्न

ओ नारी- मनीभाई नवरत्न

ओ नारी- मनीभाई नवरत्न जिन्दगी चले ना, बिन तेरे ओ नारी!उठा ली तूने,  सिर अपने  ऐसी जिम्मेदारी । मर्दों ने नाहक किये खुद पे ऐतबार ।सच तो यह है कि नारी होती जग की श्रृंगार ।महक ऐसे , फूल जैसे खिल उठे क्यारी क्यारी ।रोशन होता रहे तेरा जी,  फैले ज्ञान की चिनगारी ।। संयमित … Read more