आया बसंत- कविता चौहान

आया बसंत आया बसंत आया बसंत, आया बसंतछाई जग में शोभा अनंत।चारों ओर हरियाली छाईजब बसंत ऋतु है आई।रंग बिरंगे फूल खिलाएखेतों पर सरसों लहराए।फूलों पर भोरे मंडराएजब बसंत ऋतु है आए। सूरज की लाली सबको भाए।देख बसंत, शाखाएं लहराए।देख नीला आसमा मन हर्षाए।जब बसंत अपना रंग बिखराए। अलसी की शोभा निराली।कोयल कूके डाली डाली।देखो … Read more

पुलवामा पर कविता

पुलवामा पर कविता प्रेम दिवस पर पुलवामा में,परवानों को प्यार हुआ।आज गीदड़ों के हाथों,था शेरों का संहार हुआ।।कट गई,फट गई,बंट गई वो,फिर भी उसको हमदर्दी थी।सहज सहेजे थी अब तक,वो खून में भीगी वर्दी थी।।सिसका सिंदूर, रोई राखी,माता जी सांसे भूल गई।भाई,बाप और बच्चों की,जिंदगी अधर में झूल गई।।इंच इंच नापा था सबको,जब बेटे हमने … Read more

शिव में शक्ति पर कविता

शिवशक्ति की वंदना प्रस्तुत कविता शिव में शक्ति पर कविता भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

पुलवामा घटना पर कविता

पुलवामा
आतंकी घटना पर
३०मात्रिक मुक्तक (१६,१४ पर यति)
में रचना