
पर्यावरण बचाएंगे- अनामिका श्रीवास्तव
पर्यावरण बचाएंगे- अनामिका श्रीवास्तव पानी हवा पेड़ और मिट्टी ।इनसे ही मां धरती सजती ।यह सब है धरती के अंग । मानव जीवन इनके संग ।। अज्ञान मनुष्य अनजान हैबस लेता पेड़ों की जान है।पर वह नहीं समझता है पेड़ों…
पर्यावरण बचाएंगे- अनामिका श्रीवास्तव पानी हवा पेड़ और मिट्टी ।इनसे ही मां धरती सजती ।यह सब है धरती के अंग । मानव जीवन इनके संग ।। अज्ञान मनुष्य अनजान हैबस लेता पेड़ों की जान है।पर वह नहीं समझता है पेड़ों…
पर्यावरण पर दोहे -शंकर आँजणा छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसातस्वच्छ रहे पर्यावरण, सुबह-शाम, दिन-रात // १ // कूके कोकिल बाग में, नाचे सम्मुख मोरमनोहरी पर्यावरण, आज बना चितचोर // २ // खूब संपदा कुदरती, आँखों से तू तोलकह रही…
कोरोना के कहर से कोई न अछूता है कोरोना के कहर से कोई न अछूता है ,किसी का ऑक्सीजन बिना दम घूंटा ,तो कोइ घूंट घूंट कर जीता है । इस बीमारी ने न जाति देखा न धर्म न समुदाय…
जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक।संगीत है हर समय और स्थिति की जरूरत। लोरी है जीवन का पहला संगीत। प्रकृति की हर वस्तु में जीवन का उदगीत। ईश्वर की भक्ति…
मौसम कुछ उदास है- रीता प्रधान दिलों में जाने क्यों,बाकी न कोई एहसास है।एक भाई को ही दूजे भाई की,जाने क्यों खून की प्यास है।प्रकृति तो उदास बैठी ही थी,अब दिलों का भी मौसम कुछ उदास है। जवानी आते जाने…
संगीत जीवन का अंग है संगीत जीवन का अंग है,जो रहता जीवन संग है। संगीत उदासी की सहेली है,जीवन की दुल्हन नई नवेली है। यह साधना का स्वर है,गुनगुनाता जग भँवर है। संगीत जीवन जीने की युक्ति है,शारीरिक मानसिक ब्याधियों…
फिर से लौट आएगी खूबसूरत दुनियां पिछले कुछ दिनों सेमैंने नहीं देखा है रोशनी वाला सूरजताज़गी वाली हवाखुला आसमानखिले हुए फूलहँसते-खिलखिलाते लोग एक-एक दिनदेह में होने का ख़ैर मनाती आ रही हैदेह के किसी कोने मेंडरी-सहमी एक आत्मा किसी भी…
8 जून विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर कविता लगातार सिरदर्द रहे या, कभी अचानक चक्कर आएबढ़े चिड़चिड़ापन तो सम्भव, प्रकट ब्रेन ट्यूमर हो जाए। यह दिमाग के किसी भाग में, धीमे या तेजी से छाताहो सी.टी. स्कैन नहीं तो एम.…
इस रचना में दो मुक्तक शामिल किये गए हैं जो सत्य और असत्य के बीच के अंतर को समझाते हैं | मुक्तक - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "
इस रचना में कवि ने जीवन के विभिन्न आयामों की चर्चा की है |इस रचना का विषय है "अपना जीवन पराया जीवन" - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "