तुम ही तुम हो – माधुरी डड़सेना मुदिता

तुम ही तुम हो भावना में बसे हो कामना में तुम्हीं हो ।जिंदगी बन गये हो साधना में तुम्हीं हो ।। वादियाँ खूबसूरत हर नजारा हंसी है ईश की बंदगी में प्रार्थना में तुम्हीं हो । हर गजल में भरे हो गीत की बंदिशों मेंशक्ल आता नजर है आइना में तुम्हीं हो । इक तुम्हीं … Read more

अनजान लोग – नरेंद्र कुमार कुलमित्र

अनजान लोग कितने अच्छे होते हैं अनजान लोगउनको हमसे कोई अपेक्षा नहीं होतीहमें भी उनसे कोई अपेक्षा नहीं होती हम गलत करते हैंकि अनजानों से हमेशा डरे डरे रहते हैंहर बार अनजान लोग गलत नहीं होतेफिर भी प्रायः अनजानो से दया करने में कतराते हैं हमारे दिल दुखाने वाले प्रायः जान पहचान के होते हैंहमें … Read more

तेरी यादों का सामान – सुशी सक्सेनास

तेरी यादों का सामान तेरी यादों का सामान अभी भी पड़ा है मेरे पासजो दिलाता है तेरे करीब होने का अहसास।कुछ मुस्कुराहटें जो दिल में घर कर गई, और कुछ चाहतें जो मुझे पागल कर गई। तुझसे जुड़े हुए कुछ हंसी लम्हें प्यार भरेकुछ लफ्ज़ तेरे होठों से निकले इकरार भरेकुछ बातें जो अपनेपन का … Read more

गुरु पूर्णिमा पर दोहे -बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ

doha sangrah

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा … Read more

सावन का चल रहा महीना – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

सावन का चल रहा महीना सपने अब साकार हो रहे, जो थे कब से मन में पालेसावन का चल रहा महीना, देखो सबने झूले डाले।पत्थर पर जब घिसा हिना को, फिर हाथों पर उसे लगायानिखरी सुंदरता इससे तब, रंग यहाँ जीवन में छायाहरियाली तीजों पर मेला, किसके मन को यहाँ न भायाआयोजन हर साल हो … Read more