Month September 2022

विश्वकर्मा भगवान पर कविता -विनोद कुमार चौहान जोगी

विश्वकर्मा भगवान पर कविता (अमृत ध्वनि छंद) सुन्दर सर्जनकार हैं, भौमन है शुभ नाम।गढ़ना नित ही नव्य कृति, प्रभुवर पावन काम।।प्रभुवर पावन, काम सुहावन, गढ़ें अटारी।अस्त्र बनाते, शस्त्र सजाते, महिमा न्यारी।।हैं अभियंता, गढ़ते जंता, गढ़ें ककुंदर।पूज्य प्रजापति, तुम्हीं रूपपति, श्री…

अभिलाषा पर दोहे – बाबूराम सिंह

अभिलाषा पर दोहे मेरा मुझमें कुछ नहीं ,सब कुछ तेरा प्यार। तू तेरा ही जान कर ,सब होते भव पार।। क्षमादया तेरी कृपा,कण-कण में चहुँ ओर।अर्पण है तेरा तुझे ,क्या लागत है मोर।। सांस-सांस में रम रहा ,तू है जीवन…

नारी के अधिकार पर कविता – बाबूराम सिंह

नारी के अधिकार पर कविता – बाबूराम सिंह नारी है नारायणी जननी जगत जीव की ,सबहीं की गुरु सारी सृष्टि की श्रृंगार है ।जननीकी जननीभी नारीकी विशेषता है ,महिमा नारी की सदा अगम अपार है ।जननी बहिन बहु -बेटी धर्मपत्नी…

हिंदी की है अद्भुत महिमा – उपमेंद्र सक्सेना

हिंदी की है अद्भुत महिमा हिंदी की है अद्भुत महिमा गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट जिसको जीवन में अपनाया, उसपर हम होते बलिहारीहिंदी की है अद्भुत महिमा, यह हमको प्राणों से प्यारी। हिंदी का गुणगान करें हम, हिंदी के गीतों को गाएँहिंदी…

अनमोल मानव जीवन पर कविता

अनमोल मानव जीवन पर कविता पकड़ प्यार सत्य धर्म की डोर ,बढ़ सर्वदा प्रकाश की ओर।मधुर वचन सबहिं से बोल,मानव जीवन है अनमोल। औरों से सद्गुण सम्भाल,निजका अवगुण दोष निकाल।सत्य वचन से कभी ना डोल,मानव जीवन है अनमोल। वैर- विरोध…

मन हो रहा हताश – बाबूलाल शर्मा

मन हो रहा हताश . ✨✨१✨✨हम ही दुश्मन मीत, अपनी भाषा के बने।बस बड़ बोले गीत, सोच फिरंगी मन वही।।. ✨✨२✨✨बदलें फिर संसार, निज की सोच सुधार लें।दें शिशु हित संस्कार,अंग्रेजी की कार तज।। . ✨✨३✨✨चलें धरातल जान, उड़ना छोड़ें…

हिंदी छा जाए दुनिया में – उपमेंद्र सक्सेना

हिंदी छा जाए दुनिया में गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट जिससे हैं हम जुड़े जन्म से, वही हमारी प्यारी भाषा,हिंदी छा जाए दुनिया में, पूरी हो अपनी अभिलाषा। अपनी भाषा के हित में हम, अपना जीवन करें समर्पितजितनी उन्नति होगी इसकी, उतने…

संवाद पर कविता – सुकमोती चौहान रुचि

संवाद पर कविता तुमसे कर संवाद, सुकूं मन को मिलता है |मधुर लगे हर भाष्य, सुमन मन में खिलता है |कर्णप्रिय हर बात, प्रेरणा देती हरदम | करके जिसको याद, दूर हो जाती है गम ||उत्प्रेरक संवाद सब, नित्य सँजोया…

माता है अनमोल रतन – बाबूराम सिंह

माता है अनमोल रतन स्वांस-स्वांस में माँहै समाई,सदगुरुओं की माँ गुरूताई।श्रध्दा भाव से करो जतन,माता है अनमोल रतन।। अमृत है माता की वानी, माँ आशीश है सोना -चानी।माँ से बडा़ ना कोई धन, माता है अनमोल रतन।। माँका मान बढा़ओ…

इस वसुधा पर इन्सान वहीं – बाबूराम सिंह

कविता इस वसुधा पर इन्सान वहीं —————————————- धन,वैभव,पदविद्या आदिका जिसको हैअभियाननहीं। सत्य अनुपम शरणागत इस वसुधा पर इन्सान वहीं। सत्य धर्म फैलाने आला, विषय पीकर मुस्काने वाला, अबला अनाथ उठाने वाला, प्यार, स्नेह लुटाने वाला परहित में मर जाने वाला।अपना…