Author: कविता बहार

  • निश्चल छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

    निश्चल छंद [सम मात्रिक] विधान – 23 मात्रा, 16,7 पर यति, चरणान्त में 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    उदाहरण :
    बीमारी में चाहे जितना, सह लो क्लेश,
    पर रिश्ते-नाते में देना, मत सन्देश l
    आकर बतियायें, इठलायें, निस्संकोच,
    चैन लूट रोगी का, खायें, बोटी नोच l

    – ओम नीरव

  • रास छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

    रास छंद [सम मात्रिक] विधान – 22 मात्रा, 8,8,6 पर यति, अंत में 112 , चार चरण , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l

    kavita
    hindi sahityik class || हिंदी साहित्यिक कक्षा

    उदाहरण :
    व्यस्त रहे जो, मस्त रहे वह, सत्य यही,
    कुछ न करे जो, त्रस्त रहे वह, बात सही l
    जो न समय का, मूल्य समझता, मूर्ख बड़ा,
    सब जाते उस, पार मूर्ख इस, पार खड़ा l
    – ओम नीरव

  • शंकर छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

    शंकर छंद [सम मात्रिक] विधान – 26 मात्रा, 16,10 पर यति, चरणान्त में 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों पर तुकांत l

    छंद
    छंद

    उदाहरण :
    सुरभित फूलों से सम्मोहित, बावरे मत भूल,
    इन फूलों के बीच छिपे हैं, घाव करते शूल।
    स्निग्ध छुअन या क्रूर चुभन हो, सभी से रख प्रीत,
    आँसू पीकर मुस्काता चल, यही जग की रीत।

    – ओम नीरव

  • सरसी/कबीर/सुमंदर छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें


    सरसी/कबीर/सुमंदर छंद [सम मात्रिक] विधान – 27 मात्रा, 16,11 पर यति, चरणान्त में 21 लगा अनिवार्य l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    विशेष : चौपाई का कोई एक चरण और दोहा का सम चरण मिलाने से सरसी का एक चरण बन जाता है l

    उदाहरण :
    पहले लय से गान हुआ फिर, बना गान ही छंद,
    गति-यति-लय में छंद प्रवाहित, देता उर आनंद।
    जिसके उर लय-ताल बसी हो, गाये भर-भर तान,
    उसको कोई क्या समझाये, पिंगल छंद विधान।

    – ओम नीरव

  • गर्मी की छुट्टियां पर बाल कविता

    गर्मी की छुट्टियां पर बाल कविता : गर्मी की छुट्टी या गर्मी की छुट्टी स्कूल के वर्षों और स्कूल शैक्षणिक वर्ष के बीच गर्मियों में एक स्कूल की छुट्टी है। छात्र आमतौर पर आठ से नौ सप्ताह के बीच बंद रहते हैं। देश और जिले के आधार पर, कर्मचारियों को आंशिक रूप से या पूरी तरह से बाहर रखा जा सकता है।

    poem on kids game
    poem on kids game

    गर्मी की छुट्टियां पर बाल कविता

    (1)
    गर्मी की छुट्टी लो आई
    हम बच्चों के मन को भाई
    (2)
    मई महीने के आते ही
    नानी जी की याद सताई
    (3)
    गर्मी के मौसम में माँ ने
    घर पर ठंडी खीर बनाई
    (4)
    गर्मी में जी-भर कर खाओ
    आइस-क्रीम बर्फ ठंडाई
    (5)
    गुठली कौन आम की खाए
    इसी बात पर हुई लड़ाई
    (6)
    लीची का है स्वाद निराला
    वाह-वाह क्या जब भी खाई
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    शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
    बागोड़ा जालोर-343032