सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र दिव्य मधुर रस देनेवाली।कष्ट क्लेश को हरनेवाली।।चेतन सत्ता ज्ञानामृत हो।बनी लेखिका सत शुभ कृत हो।। अंतर्दृष्टि सहज देती हो।मिथ्या भ्रम को हर लेती हो।।सत्कर्मों की शिक्षा देती।प्रेम पंथ की दीक्षा देती।। क्षिति जल पावक गगन समीरा।सबमें रहती बनी सुधीरा।।परम विज्ञ ब्रह्माणी तुम हो।कला प्रवीण भव्य प्रिय तुम हो।। वरप्रदा नित कामरूप … Read more

ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार

पर्यावरण को नुकसान पर कविता

ईश्वर की दी धरोहर हम जला रहे हैं/मनोज कुमार ईश्वर की दी हुई धरोहर हम जला रहे हैंलगा के आग पर्यावरण दूषित कर रहे हैंकाटे जा रहे हैं पेड़ जंगलों के,सुखा के इन्सान खुश हो रहा हैआते – जाते मौसम बिगाड़ रहा है हरी- भरी भूमि में निरंतर रसायन मिला रहा हैअपने ही उपजाऊ भूमि … Read more

विश्व प्रदूषित हो रहा /प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना

JALATI DHARATI

विश्व प्रदूषित हो रहा / प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना विश्व प्रदूषित हो रहा,फैल रहा है रोग।मानव सारे व्यस्त है,करने निज सुख भोग।। प्राणवायु दूषित हुआ,दूषित हर जल बूँद।मानव को चिंता कहाँ ?,बैठा अँखियन मूँद।। ताल तलैया कूप को,मनुज रहे अब पाट।निज स्वारथ के फेर में,वृक्ष रहे हैं काट।। धूल-धुआँ कूड़ा बढ़ा,बढ़ा मनुज का लोभ।फिर जीवन संघर्ष … Read more

शिवरात्रि पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र

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शिवरात्रि पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र अद्वितीय शिव भोले काशी।अदा निराली प्रिय अविनाशी।।रहते सबके अंतर्मन में।बैठे खुश हो नित सज्जन में।। जगह जगह वे घूमा करते।तीन लोक को चूमा करते।।भस्म लगाये वे चलते हैं।शुभ वाचन करते बढ़ते हैं।। परम दिव्य तत्व रघुवर सा।कोई नहीं जगत में ऐसा।।रामेश्वर शंकर का धामा।विश्व प्रसिद्ध स्वयं निज नामा।। बहुत … Read more

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना नारी की गौरव गाथा/सुशी सक्सेना प्रसिद्ध बड़ी है जग में, नारी की गौरव गाथा है। हर रूप में प्यार हमें देती है, ये हमारी माता है। अपनी भारत माता पर, मुझे है अभिमान बहुत शहीदों ने दिए हैं, इसकी रक्षा में बलिदान बहुत माता के पावन चरणों में शीश … Read more