by कविता बहार | Feb 26, 2024 | हिंदी कविता
धरती पर कविता/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे JALATI DHARATI जलती धरती तपन ज्वलनक्रोधाग्नि सा ज्वाला।नशा पान में चुर हो बनते पाखंडी है मतवाला।। काट वृक्ष धरा किन्ह नगनधरती जलती , तु हो मगनवाह रे मानव,खो मानवताक्या सृष्टि का है यही लगन।। जरा सोचो,कुछ कर रहमना कीजिए प्रकृति...
by कविता बहार | Feb 22, 2024 | दिन विशेष कविता
एक आईएसबीएन नंबर प्राप्त करें यदि आप कोई किताब लिखने की योजना बना रहे हैं या पहले ही लिख चुके हैं, तो आपको उसके लिए आईएसबीएन की आवश्यकता होगी। दो परिदृश्य हैं- यदि आप चाहते हैं कि आपका प्रकाशन कविता बहार से करे, तो हम इसे उचित कीमत पर करवा सकते है, लेकिन यदि आप इसे...
by कविता बहार | Feb 19, 2024 | लोकप्रिय हिंदी कविता, हिंदी कविता
शिवाजी महाराज ने 16वीं शताब्दी में डक्कन राज्यों को एक स्वतंत्र मराठा राज्य बनाया था। उन्होंने पहले हिंदू साम्राज्य की स्थापना की थी। शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था. पुष्पों की सुंदर मालाएँ o आचार्य मायाराम ‘पतंग’ पुष्पों की सुंदर मालाएँ,बेशक...
by कविता बहार | Feb 14, 2024 | हिंदी कविता
प्रलय / रमेश कुमार सोनी दिख ही जाता है प्रलय ज़िंदगी मेंदुर्घटना में पूरे परिवार के उजड़ जाने से,बाढ़,सूनामी,चक्रवात से औरकिसी सदस्य के घर नहीं लौटने सेप्रलय की आँखों में ऑंखें डालकरकौन कहेगा कि नहीं डरता तुझसे। आख़िरी क्षण होगा जब हम नहीं होंगेचिंता,फिक्र और तमाम सोच...
by कविता बहार | Feb 14, 2024 | हिंदी कविता
रोटी सांसरिक सत्य तोयह है किरोटी होती हैअनाज कीलेकिन भारत में रोटीनहीं होती अनाज कीयहाँ होती हैअगड़ों की रोटीपिछड़ों की रोटीअछूतों की रोटीफलां की रोटीफलां की रोटीऔर हांयहाँ परनहीं खाई जातीएक-दूसरे की रोटी।...