Category हिंदी कविता

देश पर कविता

 दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। हमारा देश किसानों का देश,अरमानों का देश,गरीबी से त्रस्तजवानों का देश,बेरोजगारी सुरसाहै मुह बाये,हुक्मरानों कोकौन बताये,सेना…

भाई दूज पर कविताएँ

भाई दूज पर कविताएँ : रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा…

चेतना आधारित कविता

चेतना आधारित कविता वह  चेतन  निर्द्वन्द  है अद्भुत  निर्विकार  हैसारे विकार  मनजनित कल्पित संस्कार है ।आत्म सत्ता है सर्वोपरि  बोधक है  सदगुरु ,भ्रम  भेद  भय भटकाता अतुल भवभार है ।जो है अजर जो है अमर सर्वदा त्रयकाल है ,इस जीव…

छेरछेरा त्योहार पर कविता

छेरछेरा त्योहार पूस मास की पूर्णिमा, अन्न भरे घर द्वार।जश्न मनाता आ गया, छेरछेरा त्योहार।।अन्न दान का पर्व है, संस्कृति की पहचान।मालिक या मजदूर हो, इस दिन एक समान।। घर-घर जातें हैं सभी, गाते मंगल गान।मुट्ठी भर-भर लोग भी, करते…

अन्धविश्वास पर कविता

अन्धविश्वास पर कविता तंत्र मंत्र के चक्कर की खबरे खूब आती हैअन्धविश्वास में अक्सर जानें ही जाती है। सुन लो घटना हुआ जो कोरबा रामकक्षार हैअंधभक्त पुत्र ने कर दिया खुद माँ पर वार हैभ्रम जाल में फंसकर अपनी माँ…

कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को

कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को ऐ पाक़!तू क्यों तना है अपना घर जलाने को। कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को।। तुम्हारे तमाम ज़ुल्मों को सीनें से लगाते रहे। पर गुस्सा क्यों दिलाता है हथियार उठाने…

संगम नगरी प्रयागराज

संगम नगरी प्रयागराज संक्रांति के पावन दिवस परचलो आज हम कुंभ नहालेंप्रयागराज के संगम तट परमाँ गंगे का भव्यदर्शन पा लें।।     भव्य दिख रही संगम नगरी     भाँति- भाँति के लोग हजार     शाही स्नान करने को पहले     देखो नागा की लगी…

रफ़्ता-रफ़्ता मेरे पास आने लगे

रफ़्ता-रफ़्ता मेरे पास आने लगे रफ़्ता-रफ़्ता मेरे पास आने लगेहर कहीं हम यहाँ गुनगुनाने लगेप्यार की अधखुली खिड़कियों की डगरएक दूजे में हम सामने लगे.इस जनम के ये बन्धन गहराने लगेदूर रहकर भी वो मुस्कुराने लगेग़म यहाँ कम मिलेगा हमारे…

mera bharat mahan

फिर बोलें भारत माँ की जय

फिर बोलें भारत माँ की जय हिमाच्छादित उत्तुंग शिखरभारत माँ के प्रहरी हैं प्रखर।देखी जब माँ की क्लांत दशापूछा, माँ क्या है तेरी व्यथा ?क्यों हृदय तुम्हारा व्याकुल हैक्यों भरे नयन, कुछ बोलो तो ! क्या बोलूँ , मेरी आँखों…

mahapurush

हिन्द देश के अंबर पर

हिन्द देश के अंबर पर नव सज्जित आज विहान है हिन्द देश के अंबर परनव सज्जित आज विहान हैहर्षित हो लहराए तिरंगादेशप्रेम में डूबा देश जहान है। आजादी के दीवानों नेसंविधान निर्माण की ठानी थीऊँच नीच का भेद नहीं थाउन्मुक्त…