Category हिंदी कविता

निःशब्द तो नहीं

निःशब्द तो नहीं [१]निःशब्द तो नहीं !किंचित् भी नहीं !!बस…नहीं हैं आजशहद या गुलाबी इत्र मेंडुबोयेसुंदर-सुकोमल-सुगंधित शब्दनहीं हैं आजकर्णप्रिय,रसीले,बांसुरी के तानों संगगुनगुनाते अल्फाज़…सब जल गये !भस्म हो गयेसारे के सारेअंतरिक्ष में विचरतेछंदटूट-फूटकरबिखर गये सारे अलंकारनिस्सार हो गयींसारी व्यंजनाएँलक्षणा भी हो…

आक्रोश पर कविता

आक्रोश पर कविता                           ये आज्ञा अब है मिली ,खुल के लो प्रतिशोध चुन- चुन के रिपु मारिये, हो गलती  का बोध ।।                           *कोई अब बातें नहीं , करो सिर्फ आघात ।दुष्ट दमन करते चलो , एक बराबर  सात ।। …

जय हिंद जय भारत

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948…

शहीदों की कुर्बानी पर कविता -मनोरमा जैन पाखी

शहीदों की कुर्बानी पर कविता -मनोरमा जैन पाखी पवन वेग से उड रे चेतक ,जहाँ दुश्मन यह आया है ।रखा रुप विकराल दुष्ट ने ,ताँडव  वहाँ  मचाया  है। रक्तरंजित हो गयी धरा ,निर्दोषो के खून से।जाने न पाये दुष्ट नराधमरंग…

ताटंक छंद

ताटंक छंद           ——  1——दिलों से नफ़रत को मिटाकर,               सबको गले लगाना है |हमें देश की खातिर अपने,               जीना है मर जाना है |आपस में हो भाईचारा,               प्रेम भाव उपजाना है |हरे भरे अपने गुलशन को,               खुशबू से मँहकाना है…

खामोशी पर कविता

खामोशी पर कविता मैं ,चुप ही रहती हूं ,जाने कबसे ,मुझे पता भी ,नहीं चला ,खामोशी कब,मेरी मीत बन गई,और तुमने समझा,मैं सुधर गई,क्योंकि ,नहीं पूछती देर से आने की वजह ।नहीं कहती क्या अच्छा हैक्या बुरा ?नहीं लाती हल्के…

मेरी मातृभूमि

मेरी मातृभूमि स्वर्ग  से   सुंदर   भू   भारती ।भानु शशि नित्य करे आरती ।।गौरव   गान  श्रुति  वेद करते ।प्रातः नमन ऋषि हृदय भरते ।।उर्वर  भूमि  सजी  इठलाती ।श्रम बिन्दु से प्यास  बुझाती ।।सौंधी  सुगंध  पवन  मचलते ।मंजु मधुक मधु कंठ विहरते…

लाल तुम कहाँ गये

लाल तुम कहाँ गये * मेरे आँगन  का उजियारा थामाँ बाप के आँख का तारा थासीमा पर तुझको भेजा थापत्थर  का बना  कलेजा थापर मैने यह नहीं   सोचा  था।तू मुझे छोड़  कर जायेगा माँ बाप को  रुलवायेगा ।क्यों पुलवामा  में सो…

Maa Durga photo

मैया की लाली है सिंगार/केवरा यदु “मीरा

“मीरा की कविता ‘मैया की लाली है सिंगार’ में माता के प्रति भक्ति और प्रेम का गहरा भाव है। इस रचना में मीरा अपनी माँ की सुन्दरता और भक्ति को बयां करती हैं, जो भावनाओं और आस्था से भरपूर है।…

आज का नेता पर कविता

आज का नेता पर कविता जहाँ बहरी सियासत है, जहाँ कानून है अंधा।करें किसपे भरोसा तब, जहाँ पे झूठ है धँधा।विचारों पे लगा पहरा,बड़ा ये ज़ख्म है गहरा,भला क्या देश का होगा,सियासी रंग है गन्दा।। मुनाफ़े का बड़ा धंधा, कभी…