भ्रूण हत्या पर कविता
भ्रूण हत्या पर कविता भ्रूण हत्या का मचा एक नीरव रोर है,चोरी छिपे लिंग जाँच हर दिशा हर ओर है।जाने क्यों बेटी की हत्या का शौक ये चढ़ आया,गर्भ में ही भेदभाव का ये कृत्य सबको भाया। अपने ही कोख…
भ्रूण हत्या पर कविता भ्रूण हत्या का मचा एक नीरव रोर है,चोरी छिपे लिंग जाँच हर दिशा हर ओर है।जाने क्यों बेटी की हत्या का शौक ये चढ़ आया,गर्भ में ही भेदभाव का ये कृत्य सबको भाया। अपने ही कोख…
जब लेखनी मुँह खोलती है जिंदगी में कुछ अपनो के किस्से खास होते हैंछलते हैं वे ही हमें जो दिल के पास होते हैं।वंचना भी करते हैंफिर भी खुशी की आस होते हैंलहरों के नर्तन में नाविक का विश्वास होते…
सायली छंद में रचना चेहरादेख सकूँनसीब में कहाँबिटिया दूरबसेरा। अहसासबस तुम्हारापल-पल यादसताती रहीआज। यादआते रहेवो पल हरदमजो सुनहरेबीते। तेरीनटखट शैतानियाँमहकता रहता था।घर आँगनमेरा। अर्चना पाठक (निरंतर)अम्बिकापुर Post Views: 34
माता शारदे वंदन करूँ -भुवन बिष्ट माता शारदे वंदन करूँ। मिले अब वरदान।।वाणी में विराजती माता। सदा देना ज्ञान।।आलोकित हो हर पथ मेरा। लेखनी पहचान।।होवे विनती यह बार बार। माता हो महान।।सदा सदा सच पथ पर होता। मातु का गुणगान।।वीणावादनी…
जब होगा महक मिलन मिला किताब में सूखा गलाब,देख फिर ताजगी सी आई। याद आ गया वो सारा मंजरफिर खुद से खुद ही शरमाई। वो हसीन पल थे खुशियों भरासाज बजा ज्यो रागिनी आई। धड़कने दिल की हुई बेकाबूगात ने…
ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। प्रायः गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत काम करते हैं। गाँवों में घर प्रायः बहुत पास-पास व…
नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को सभी अब तो।भुलाकर के दया ममता सधा स्वारथ रहे अब तो। अहं में फूल कर चलता कभी नीचे नहीं देखा,मिले जब सीख दुनियाँ में लगे ठोकर कभी अब…
तुम रुक न सको सौजन्य-अरुणा श्रीमाली तुम रुक न सको तो जाओ, तुम जाओ.. तुम रुक न सको तो जाओ, तुम जाओ… पढ़-लिख कर विश्राम न करना कर्म-क्षेत्र में आगे बढ़ना । यही कामना आज हमारी, तुम्हें इसे है पूरी…
[1] उल्लास भरे दिल से ० सौजन्य-प्रतिभा गोयल उल्लास भरे दिल से हम स्वागत करते हैं आंगन में बहार आई, औ’फूल बरसते हैं। उल्लास भरे दिल से….. ल पलकों से है प्रियवर, यह पंथ हमारा है। अरमान भरे दिल में,…
14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर (जाता हुआ) होता है। इसी कारण इस पर्व को ‘उतरायण’ (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। और इसी दिन मकर संक्रान्ति पर्व मनाया जाता है. जो की भारत के…