Category अन्य काव्य शैली

घर का संस्कार है बेटी

घर का संस्कार है बेटी घर आँगन की शान,अभिमान है होती।माँ बाप की जान पहचान होती है बेटी।अक्सर शादी के बाद पराए हो जाते हैं बेटे।दो कुलों की मान-सम्मान होती है बेटी।1।माँ के रूप में ममता की मूरत है बेटी।पत्नी…

स्वामी विवेकानंद

युवाओं के प्रेरणास्रोत- स्वामी विवेकानंद

युवाओं के प्रेरणास्रोत दिव्य सोच साधना से अपनी,पावन ज्ञान का दीप जलाया।सोए लोगों की आत्मा को,स्वामी जी ने पहली बार जगाया।भगवा हिंदुत्व का संदेश सुनाकर,भारत को विश्वगुरु बनाया।तंद्रा में सोई दुनिया के लोगों को,विश्वश्रेष्ठ विवेकपुंज ने जगाया। 11 सितंबर1893 को…

हाइकु

शीत/ठंड पर हाइकु

शीत/ठंड पर हाइकु [1]शीत प्रदेशबरस रही चाँदीधूप बीमार । [2]शीत लहरकँपकपाते होंठहँसे धुनियाँ । [3]बैरन शीतप्रीतम परदेशखुशियाँ सुन्न । [4]मुस्काती धुँधसूरज असहायजीवन ठप्प । [5]ठण्ड में धूपदेती गरमाहटज्यों माँ की गोद । अशोक दीप✍️जयपुर Post Views: 41

महामारी से भी मिला उपहार-समय के सदुपयोग की कला और जीवन शैली में सुधार।

महामारी से भी मिला उपहार-समय के सदुपयोग की कला और जीवन शैली में सुधार। कोरोना जैसी महामारी फैली,बदल गई, जीवन की शैली।।समय का इसने सदुपयोग सिखाया,जीने का नया ढंग समसाझा। आज मैं नौरा छतवाल,आई हूँ,इस मंच पर कुछ विचारों का…

कोरोना कइसे भागही – महदीप जंघेल

कोरोना कइसे भागही – महदीप जंघेल दारू भट्ठी में भीड़ ल देखके,मोला लगथे अकबकासी।कोरोना बेरा मा अइसन हालत ले,लगथे अब्बड़ कलबलासी। बिहनिया ले कतार म ठाढ़ होके,घाम पियास म अइंठत हे,सियनहीन गाय सरी ठाढ़े-ठाढ़े ,हफरत लाहकत हे। धरे पइसा,लपेटे मुहूँ…

ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा”

ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा” ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है,तान सीना जो अड़े है,वे बहुत कमजोर हैं।आज जो बनते फिरे वे ,शाह पक्के चोर हैं,ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है। ख्वाहिशें सैनिक दबाए,जो बड़ा बेजार…

वतन है जान से प्यारा -बाबू लाल शर्मा,बौहरा, विज्ञ

वतन है जान से प्यारा -बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ सितारे साथ होते तो,बताओ क्या फिजां होती।सभी विपरीत ग्रह बैठे,मगर मय शान जिन्दा हूँ। गिराया आसमां से हूँ,जमीं ने बोझ झेला है।मिली है जो रियायत भी,नहीं,खुद से सुनिन्दा हूँ। न भाई…

प्रीत पुरानी-बाबू लाल शर्मा

प्रीत पुरानी १६ मात्रिक मुक्तक थके नैन रजनी भर जगते,रात दिवस तुमको है तकतेचैन बिगाड़ा, विवश शरीरी,विकल नयन खोजे से भगते। नेह हमारी जीवन धारा।तुम्हे मेघ मय नेह निहारा।वर्षा भू सम प्रीत अनोखी,मन इन्द्रेशी मोर पुकारा। पंथ जोहते बीते हर…

विश्व कविता दिवस – बाबू लाल शर्मा

विश्व कविता दिवस (अंग्रेजी: World Poetry Day) प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने…