Category विविध छंदबद्ध काव्य

मात पिता पूजन दिवस दोहे

मात पिता पूजन दिवस दोहे सीमा पर रक्षा करे, अपने वीर जवान।मरते मान शहीद से, जीते उज्ज्वल शान।। प्रेम दिवस पर है विनय , सुनिये सभी सुजान।मात पिता को नेह दें, मन विश्वासी मान।। न्यौछावर हैं देश पर , मातृभूमि…

पिता सदा आदर्श हैं (पिता पर दोहे)

पिता सदा आदर्श हैं (पिता पर दोहे) ख्याल रखें संतान का, तजकर निज अरमान।खुशियाँ देते हैं पिता, रखतें शिशु का ध्यान। ।१ मुखिया बन परिवार का , करतें नेह समान ।पालन पोषण कर पिता , बनते हैं भगवान ।।२ जिसकी…

holi

होली पर्व -कुण्डलियाँ

होली पर्व पर कुण्डलियाँ ( Holi par Kundaliya) का संकलन हिंदी में रचना आपके समक्ष पेश है . होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया…

NATURE

पर्यावरण पर दोहे

पर्यावरण पर दोहे -शंकर आँजणा छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसातस्वच्छ रहे पर्यावरण, सुबह-शाम, दिन-रात // १ // कूके कोकिल बाग में, नाचे सम्मुख मोरमनोहरी पर्यावरण, आज बना चितचोर // २ // खूब संपदा कुदरती, आँखों से तू तोलकह रही…

कूट अकबर के|तेजल छंद (वाचिक) – बाबूलाल शर्मा

कूट अकबर के|तेजल छंद (वाचिक) – बाबूलाल शर्मा वर्णिक- तगण मगण, यगण यगण तगण गुरुमापनी- २२१ २२२, १२२ १२२ २२१ २ . 🌛 *…कूट अकबर के* 🌜 . *१*माने नहीं राणा, हठीला थकित हो टोडर गया।हे शाह माना वह, नहीं…

प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा

प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा मापनी- २२१ २२२, १२२ १२२ २२ वाचिक. *प्रताप का राज्यारोहण*. १सामंत दरबारी, कहे यह कुँवर खल मति मद।रक्षण उदयपुर हित, सँभालो तुम्ही राणा पद।सौगंध बप्पा की, निभे जब मुगल हो बाहर।मेवाड़ का जन जन, पुकारे सजग…

पृथ्वीराज चौहान पर दोहे – बाबू लाल शर्मा

पृथ्वीराज चौहान पर दोहे (दोहा छंद) अजयमेरु गढ़ बींठली, साँभर पति चौहान।सोमेश्वर के अंश से, जन्मा पूत महान।। ग्यारह सौ उनचास मे, जन्मा शिशु शुभकाम।कर्पूरी के गर्भ से, राय पिथौरा नाम।। अल्प आयु में बन गए, अजयमेरु महाराज।माँ के संगत…

मतदान विषय पर दोहे- बाबू लाल शर्मा

मतदान विषय पर दोहे- बाबू लाल शर्मा सोच समझ मतदान (दोहा-छंद)1.मत अयोग्य को दें नहीं, चाहे हो वह खास।वोट देय हम योग्य को, सब जन करते आस।। 2.समझे क्यों जागीर वे, जनमत के मत भूल।उनको मत देना नहीं, जिनके नहीं…

शुभकामना विषय पर दोहा -बाबू लाल शर्मा

शुभकामना विषय पर दोहा -बाबू लाल शर्मा करूँ सदा शुभ कामना, उन्नत होवे देश।भूमण्डल सरनाम हो, उज्ज्वल हो परिवेश।। देश वासियों के लिये, नये साल संदेश।जनता को शुभकामना, खुशियाँ सभी प्रदेश।। सामाजिक परिवेश में, मानव मान समाज।सबके हित शुभकामना, नये…

मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा

मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा सूरज जाए मकर में, तिल तिल बढ़ती धूप।फसले सधवा नारि का, बढ़ता रूप स्वरूप।।.पशुधन कीट पतंग भी, नवजीवन मम देश।वन्य जीव पौधे सभी, कली खिले परिवेश।।.तितली भँवरे मोर पिक, करते हैं मनुहार।ऋतु…