छत्तीसगढ़ दर्शन

छत्तीसगढ़ दर्शन टिकली अस बलरामपुर ,जिंहा सुग्घर ताता पानी।सूरजपुर म कुदरगढ़ी हे,कोरिया ले हसदो पानी। नागलोक जशपुर कुनकुरी,सीताबेंगरा सजे सरगुजा।जामवंत पेंड्रा मरवाही ,कोरबा म कोईला दूजा। कबरा गूफा रायगढ़ वाला,जांजगीर म दमउदहरा।बिलासा माई के बिलासपुर,मुंगेली मदकु दीप हे गहरा। कूशियार अस मीठ कवर्धा,गिधवा ह उड़थे बेमेतरा,चलौ बलौदा गुरु धाम ए,महासमुंद नदी के धारा। राजधानी हे … Read more

नारा भर हांकत हन (व्यंग्य रचना)

hasdev jangal

एकर सेती भैया हो , जम्मो मनखे मन,ला मिलजुल के,लालच ला दुरीहा के पर्यावरण बचाए बर कुछ करना
पड़ही। लेकिन ये हा केवल मुंह अउ किताब भर मा तिरिया जाथे।

घाम के महीना छत्तीसगढ़ी कविता

घाम के महीना छत्तीसगढ़ी कविता नदिया के तीर अमरइया के छांव हे।अब तो बिलम जा कइथव मोर नदी तीर गांव हे।। जेठ के मंझनिया के बेरा म तिपत भोंमरा हे।खरे मंझनिया के बेरा म उड़त हवा बड़ोरा हे।। बिन पनही के छाला परत तोर पांव हे।मोर मया पिरित के तोर बर जुर छांव हे।। खोर … Read more

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र रूख राई डोंगरी पहाड़ी रोवत हे पुरजोर…हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. पेड़ लगावव जिनगी बचाववधरती दाई के प्यास बुझाववनदिया नरवा सूख्खा परगे,अब तो थोरिक चेत लगावव गली मुहल्ला सुन्ना परगे सुन्ना होगे गा खोर….हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. कोरोना के कहर चलत हेमनखे … Read more