शिक्षक के महत्व पर कविता

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप … Read more

आक्रोश पर निबंध – मनीभाई नवरत्न

“कभी रोष है ,तो कभी जोश है।

मन में उफनता , वो ‘आक्रोश’ है।

मदहोश यह, तो कहीं निर्दोष है।

परदुख से उत्पन्न ‘आक्रोश’ है।”

हिन्दी कविता: कारगिल विजय दिवस की गाथा

हिन्दी कविता: कारगिल विजय दिवस की गाथा

कारगिल विजय दिवस की गाथा;-
*सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”*
ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री
तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.) 493558

हिन्दी कविता: अब तो पाठ पढ़ाना है

अब तो पाठ पढ़ाना है
★★★★★★★★★
फिर सीमा में आ जाए तो,
गलवान को याद दिलाना है।
दुस्साहस कर न सके वह,
ऐसी सबक सिखाना है।
ए वीर जवानों सुन लो,
सबको यह बताना है।
कब तक चीनी विष घोलेंगे,
अब तो पाठ पढ़ाना है।
प्राण जाय पर वचन न जाय,
ऐसी कसम जो खाना है।
थर थर काँप उठे रूह उनका,
ऐसी सजा दिलाना है।
कलाम की परमाणु याद दिला दो,
बासठ का अब नही जमाना है।
कब तक चीनी विष घोलेंगे,
अब तो पाठ पढ़ाना है।
★★★★★★★★★★★★
रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822

दोहे करते बात – बाबू लाल शर्मा

मानव,परिवार,देश,धर्म,समाज,रानीति एवं विविध वैश्विक पहलुओं, व समस्याओं पर आधारित दोहे