आज बेटी किसी की बहू

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आज बेटी किसी की बहू गीत – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट दर्द को जो समझते नहीं हैं कभी, बेटियों से किसी की करें हाय छल।क्यों बहू को यहाँ नौकरानी समझ, जुल्म ढाने लगे लोग हैं आजकल।। आज बेटी किसी की बने जब बहू, क्यों समझते नहीं लोग मजबूरियाँ।बढ़ रही खूब हिंसा घरेलू यहाँ, प्यार के नाम … Read more

माँ पर कविता हिंदी में

mother their kids

यहाँ माँ पर कविता हिंदी में लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ मुझको गर्भ में ले ले हे ! माँ मुझको गर्भ में ले ले,बाहर मुझको डर लागे।देह-लुटेरे , … Read more

विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक

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विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक पृथ्वी हमें पैदा करती है।भूख उदर की भी हरती है।।जो कुछ भी उत्पन्न हुआ है।सब इसकी ही रही दुआ है।। गोदी में हम सब खेले हैं।खुशियों के लगते मेले हैं।।जल जंगल पर्वत मालाएँ।गीत इसी के मधुरिम गाएँ।। सबको शिक्षा भी देती है। यह परिवर्तन की  प्रेरक भी।पुण्य पाप … Read more

श्रीरामनवमी पर कविता

श्रीरामनवमी पर कविता

श्रीरामनवमी पर कविता: चैत्र मास के शुल्क पक्ष की नवमी तिथि के दिन ही सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने धरती पर श्री राम के रूप में जन्म लिया था। राम लला के जन्म की पवित्र बेला को ही राम नवमी के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान विष्णु अयोध्या के राजा दशरथ … Read more

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान *लापरवाही इक बड़ी,*                           *बनकर आई काल।**पल में प्रलय हो गई,*                          *छीने बाल गोपाल।।* लाड प्यार तैयार कर,                               देकर बस्ता, भोज। दादा दादी मात पिता,                                 करते टाटा रोज।।किसको क्या ये था पता,                          है आज कोई जंजाल … ड्राइवर ने था किया नशा,                          या थी गति … Read more