दौलत पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र
दौलत पर कविता /रामबली मिश्र दौलत जिसके पास है, उसे चाहिए और।और और की चाह में,कभी न पाता ठौर ।। दौलत ऐसी भूख है,भरे न जिससे पेट।दौलत करे मनुष्य का,रातोदिन आखेट।। दौलत के पीछे सदा,भाग रहा इंसान।मृग मरीचिका सी बनी,मार रही है जान।। यदि दौलत संतोष की, जीवन है आसान।थोड़े में भी पूर्ण हों,जीवन के … Read more