दौलत पर कविता /डॉ0 रामबली मिश्र

दौलत पर कविता

दौलत पर कविता /रामबली मिश्र दौलत जिसके पास है, उसे चाहिए और।और और की चाह में,कभी न पाता ठौर ।। दौलत ऐसी भूख है,भरे न जिससे पेट।दौलत करे मनुष्य का,रातोदिन आखेट।। दौलत के पीछे सदा,भाग रहा इंसान।मृग मरीचिका सी बनी,मार रही है जान।। यदि दौलत संतोष की, जीवन है आसान।थोड़े में भी पूर्ण हों,जीवन के … Read more

वृक्ष लगाएं धरती बचाएं/ नीलम त्यागी ‘नील’

tree

“वृक्ष लगाएं, धरती बचाएं” एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि हमें पर्यावरण की संरक्षण के लिए वृक्षारोपण का समर्थन करना चाहिए। वृक्ष लगाना हमारे पर्यावरण के सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि वृक्ष प्राकृतिक रूप से हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, वायु में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं, और पर्यावरण के साथ हमारे … Read more

प्रेरक कविता/ डॉ0 रामबली मिश्र

struggle

“बिना संघर्ष कुछ नहीं मिलता” हमें बताती है कि हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रयास करना और संघर्ष करना होता है। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें पार करने के लिए हमें मेहनत, संघर्ष, और साहस की आवश्यकता होती है। … Read more

पर्यावरण को नुकसान पर कविता /एस के कपूर श्री हंस

पर्यावरण को नुकसान पर कविता

पर्यावरण को नुकसान पर कविता /एस के कपूर श्री हंस 1 नदी ताल में कम हो  रहा जल  हम पानी यूँ ही बहा रहे हैं। ग्लेशियर पिघल रहेऔर समुन्द्र तल यूँ बढ़ते ही जा रहे हैं।। काट    सारे वन कंक्रीट के कई जंगल बसा दिये विकास ने। अनायस विनाश की ओर कदम दुनिया के … Read more

सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र दिव्य मधुर रस देनेवाली।कष्ट क्लेश को हरनेवाली।।चेतन सत्ता ज्ञानामृत हो।बनी लेखिका सत शुभ कृत हो।। अंतर्दृष्टि सहज देती हो।मिथ्या भ्रम को हर लेती हो।।सत्कर्मों की शिक्षा देती।प्रेम पंथ की दीक्षा देती।। क्षिति जल पावक गगन समीरा।सबमें रहती बनी सुधीरा।।परम विज्ञ ब्रह्माणी तुम हो।कला प्रवीण भव्य प्रिय तुम हो।। वरप्रदा नित कामरूप … Read more