हिंदी कविता
ऊर्जा संरक्षण
ऊर्जा संरक्षण (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।। (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले … Read more
छतीसगढ़ दाई
छतीसगढ़ दाई गमकत हे संगाती चंदन समान माटी नदिया पहाड़ घाटी छतीसगढ़ दाई। लहर- लहर खेती हरियर हीरा मोती जिहाँ बाजे रांपा-गैंती गावै गीत भौजाई। भोजली … Read more
युवा वर्ग आगे बढ़ें
युवा वर्ग आगे बढ़ें छन्द – मनहरण घनाक्षरी युवा वर्ग आगे बढ़ें, उन्नति की सीढ़ी चढ़ें, नूतन समाज गढ़ें, एकता बनाइये। नूतन विचार लिए, कर्तव्यों का भार लिए, श्रम अंगीकार किए, कदम बढ़ाइए। आँधियाँ हैं सीमा … Read more
धरती हमारी माँ
धरती हमारी माँ हमको दुलारती है धरती हमारी माँ। आँचल पसारती है धरती हमारी माँ। बचपन मे मिट्टी खायी फिर हम बड़े हुए। जब पाँव … Read more