Tag kavita in hindi for singing

An anthem consisting of voice, verse and rhythm is called a song. The song is a popular Bhagya genre. It has a mouth and a few nerves. The mouth is repeated after each interval. The song is sung.

विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता

11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस पर कविता – अजी जनसंख्या बढ़ती जाय

11 जुलाई 1987 को जब विश्व की जनसंख्या पाँच अरव हो गई तो जनसंख्या के इस विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए इस खतरे से विश्व को आगाह करने एवं बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु 11 जुलाई 1987…

हे गणपति सुनले विनती -गणेश वंदना गीत

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…

केवरा यदु मीरा की कविता

कृष्ण के भजन सुन कान्हा मेरी यादतुमको आती तो होगी।ओ पूनम की रात तुम्हेंरुलाती तो होगी ।सुन कान्हा—– तान छेड़ बंशी कीतुम मुझे बुलाये थे।बाहों में बाँहे डालेतुम रास रचाये थे।वो पायल की रुन झुनतुम्हें बुलाती तो होगी ।सुन कान्हा…

कोरोना पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

कोरोना पर कविता कोरोना फिरि फैलि रहो है, बाने देखौ केते मारेकाम नाय कछु होय फिरउ तौ, निकरंगे घरि से बहिरारे। मुँह पै कपड़ा नाय लगाबैं, केते होंय रोड पै ठाड़ेबखरिन मै मन नाय लगत है, घरि से निकरे काम…

दिल का पैगाम

दिल का पैगाम भेज रहा हूँ पैगाम तुझको आँखें मिलाकर आँखों से चेहरा पढ़कर महसूस कर ले जो समझा न सके अपनी बातों से ना समझना इसे कोरा कागज ना तौलना इसे लहू के नातों से है पैगाम हमारा वफा-ए-इश्क…

मोला मया हे तोर से बड़ रे

ए देखत कि तोला का होगै मोला। मोर जिया करे फड़ फड़ रे। मोला मया हे तोर से बड़ रे। जहां जावा तोला पावा तोर पाछु मय ह आवा। का सुनावा, का बतावा रे। तोर मोहनी सूरत देखके मयतो मरमरजावा…

jai durga maa

दुर्गा मैया पर गीत – आषीश कुमार

दुर्गा मैया पर गीत तेरे रूप अनेक हैं मैयाहर रूप में हमको भाती होनवरात्रि में नौ दुर्गा रुप मेंहम पर ममता लुटाती हो तीनो लोक हैं काँपे तुमसेजब शक्ति रूप धरती होचण्‍ड-मुण्‍ड और ऐसे कितनेमहिषासुर मर्दन करती हो तुम बनती…

नागपंचमी पर हिन्दी कविता

नागपंचमी पर हिन्दी कविता गीत- उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट नाग पंचमी के अवसर पर, नागों का पूजन कर आएँआस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ। मानवता का ओढ़ लबादा, सेवा का जो ढोंग कर रहेजिसको चाहें डस लेते वे,…

शिव महाकाल पर कविता – बाबू लाल शर्मा

हे नीलकंठ शिव महाकाल भक्ति गीत- हे नीलकंठ शिव महाकाल (१६,१४मात्रिक) हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनाशी!हिमराजा के जामाता शिव,गौरा के मन हिय वासी! देवों के सरदार सदाशिव,राम सिया के हो प्यारे!करो जगत कल्याण महा प्रभु,संकट हरलो जग सारे!सागर मंथन…