आया है मधुमास- कुण्डलियाँ

आया है मधुमास *भँवरे गुंजन कर रहे, आया है मधुमास।**उपवन की शोभा बनें, टेसू और पलाश।**टेसू और पलाश, संग में चंपा बेला।**गेंदा और गुलाब, सजा रंगों का मेला।**फुलवारी अरु बाग, बसंती रँग में सँवरे।**पी कर नव मकरंद, गुँजाते बगिया भँवरे।।1* *पी कर जब मकरंद को, भ्रमर बैठते फूल।**वह पराग को  छोड़ते, मौसम के अनुकूल।**मौसम के … Read more

सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना माँ सरस्वती शारदेबुद्धि प्रदायिनी ज्ञानदायिनीपद्मासना श्वेत वस्त्रा माँअज्ञानता हर ज्ञान दे माँ हंसवाहिनी।तेरे चरणों की पावन रज कणललाट पर मेरे सुशोभित रहे माँविस्तार हो मेरे ज्ञान का असीमितकलम मेरी वरदहस्त रहे माँ।धूप दीप नैवेद्य शुभ अर्चन वंदनकष्ट पीर विपत्ति हर दे माँ मेरेज्ञानचक्षु का दिव्य प्रकाश दे माँविशाल शब्द शक्ति हो माँ पास … Read more

भ्रूणहत्या-कुण्डलिया छंद

भ्रूणहत्या-कुण्डलिया छंद साधे बेटी मौन को, करती  एक गुहार।जीवन को क्यों छीनते ,मेरे सरजनहार।मेरे सरजनहार,बतायें गलती मेरी।कहँ भू पर गोविंद , करे जो रक्षा  मेरी।“कुसुम”कहे समझाय  , पाप   जीवन भर काँधे। ढोवोगे दिन रैन ,दुःख यह मौनहि  साधे। पुष्पा शर्मा “कुसुम”

पंचायत पर कविता -रामनाथ साहू ” ननकी

भारत की पंचायती राज प्रणाली में गाँव या छोटे कस्बे के स्तर पर ग्राम पंचायत या ग्राम सभा होती है जो भारत के स्थानीय स्वशासन का प्रमुख अवयव है। सरपंच, ग्राम सभा का चुना हुआ सर्वोच्च प्रतिनिधि होता है। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में पंचायत का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सार्वजनिक जीवन का प्रत्येक पहलू इसी के द्वारा संचालित होता था। … Read more

यौवन पर हिन्दी कविता ( युवा दिवस विशेष )

स्वामी विवेकानंद

यौवन पर हिन्दी कविता यौवन तो ढलता सदा , मान यही है सार ।लौट नहीं आता कभी , बीते पल जो चार ।।बीते पल जो चार , कर्म सत करिए प्यारे ।वृद्धावस्था रोग , सताए हिम्मत हारे ।।नियति कहे कर जोड़, पुष्ट होता है तन-मन ।इसी उम्र में साध , सफल होगा फिर यौवन ।। … Read more