हम कहाँ गुम हो गये
हम कहाँ गुम हो गये हम कहाँ गुम हो गयेमोह पाश में हम बंधे,नयनों मे ऐसे खो गये।रही नहीं हमको खबर,हम कहाँ गुम हो गये।।इंद्र धनुष था आँखों में,रंगीन सपनों में खो गये।प्रेम की मूक भाषा में,हम कहाँ गुम हो गये।।कशिश उनमें थी ऐसी,बेबस हम तो हो गये।कुछ रहा ना भान हमें,हम कहाँ गुम हो … Read more